श्रीराजमाता मंदिर में चार जोड़ों का सामूहिक विवाह

कन्या विवाह से शतचंडी यज्ञ का फल:~राजेश्वरानंद
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2025-05-07 21:19:07

दिल्ली:~एक अभावग्रस्त परिवार की कन्या का विवाह करने से शतचंडी यज्ञ का फल मिल जाता है यह संदेश दिया स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज ने गोरख पार्क शाहदरा स्थित श्री राजमाता झंडेवाला मंदिर में सामूहिक विवाह महोत्सव में सामूहिक विवाह महोत्सव के अवसर पर आए हुए लोगों को। सद्गुरु राजदरबार के प्रबंधक राम वोहरा ने बताया कि स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को बेटी बसाओके रूप में आगे बढ़ाते हुए लगातार अभावग्रस्त परिवारों की कन्याओं का विवाह किए जाते रहते हैं इसी कड़ी में पांच अभावग्रस्त परिवारों की कन्याओं का सनातन संस्कृति द्वारा वैदिक मंत्रोचारण द्वारा विवाह संपन्न किया गया।जिसने एक विधुर एवं तलाकशुदा जोड़े को फिर से नए सिरे से जीवनयापन का आशीर्वाद दिया गया।दिल्ली के अलावा एक जोड़ा उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से आया।मंदिर की महिला सेवादारों ने मंदिर के मुख्य द्वार पर दुल्हों के मस्तक पर तिलक लगाते हुए आरती उतारकर स्वागत किया गया।गणमान्य लोगों की उपस्थिति के साथ करतल ध्वनि के बीच सभी वर वधुओं ने एक दूसरे को जयमाला पहनाकर स्वीकार किया।विद्वान पंडित श्री राम शर्मा द्वारा वैदिक मंत्रोचारण के साथ फेरे,सप्तपदी संपन्न कराई गई।नवदंपतियों को विदाई के समय उपहार स्वरूप पलंग,अलमारी,कपड़े,बर्तन एवम दैनिक उपयोग का घरेलू सामान दिया गया।इस अवसर पर कन्यादान में विशेष रूप से गुरु माता पूजा जी, महामंडलेश्वर विद्यार्थी जी महाराज (बाल्मिकी मंदिर), महामंडलेश्वर दीन बंधु दास जी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी जलेश्वर जी महाराज, महामंडलेश्वर राजेश्वर दास जी महाराज,यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष जय भगवान गोयल,दक्षिण भारतीय संत हिन्दू केसरी स्वामी श्रीनिवासन तंबूरान जी,गौ भक्त योगी अभयनाथ जी महाराज, मंडोली रोड मार्किट अध्यक्ष बिन्नी वर्मा,समाज सेवी विमल मल्होत्रा,विश्वास शुक्ल,लाला हरि चंद अग्रवाल, पेरा एथलीट योगेश सोनी,शालिनी सोनी ने पहुंचकर कन्यादान में भाग लिया। स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने संबोधित करते हुए कहा कि गृहस्थ आश्रम के द्वारा मनुष्य धर्म अर्थ काम मोक्ष चारों को सहजता से प्राप्त कर लेता है।संत महात्माओं,देवी देवताओं ने भी उत्तम गृहस्थ आश्रम को अपनाया है।उत्तम गृहस्थी जीवन के लिए सहनशील स्वभाव अति आवश्यक हैं। स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज ने आगे कहा कि किसी अभावग्रस्त परिवार की कन्या के विवाह में सहयोग देना मां भगवती के शतचंडी यज्ञ से बढ़कर शुभफलदाई सिद्ध होता हैं। ऐसे परिवार की कन्या विवाह करने से पहला फायदा यह कि एक चिंताग्रस्त पिता की चिंता का हरण किया दूसरे सृष्टि विस्तार रूपी कार्य में सहयोग दिया और फिर इसके साथ अनेक उदास चेहरों पर मुस्कान लाने का आप माध्यम बन गए।कन्यादान करने से रक्तदान, जलदान,वस्त्रदान,अन्नदान आदि अनेक प्रकार के महत्वपूर्ण दान स्वयंमेव हो जाते है।

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