2025-07-07 14:30:58
राजपाल सिह आर्य / मनोज शर्मा अनुपम संदेश / अलीगढ / जिसप्रकार शरीर को पोषण के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए पेड़-पौधों की आवश्यकता होती है। पेड़-पौधे पर्यावरण की अशुद्धियों को सोख लेते हैं और हमें शुद्ध प्राणदायिनी वायु देते हैं। इसकी निरंतरता बनाए रखने के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए। पेड़-पौधे लगाने के बाद उनका संरक्षण करना भी बहुत अनिवार्य है। यह कहना है जिला विकास अधिकारी आलोक आर्य का। उन्होंने रविवार को ग्राम प्रधान प्रतिनिधि खुसरो भाई, सचिव प्रवेश कुमार सदस्य नमामि गंगे ज्ञानेश शर्मा व ग्रामवासियों , और स्टाफ के साथ मिलकर नीम नदी में किनारे पौधारोपण अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को सहजन के पौधे भेंट किये और उनका संरक्षण करने का संकल्प भी दिलाया सदस्य नमामि गंगे ज्ञानेश शर्मा ने ने कहा कि पेड़-पौधे हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इनसे पृथ्वी पर ऋतु चक्र बना रहता है। ऋतु चक्र को संतुलित बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना और उनका संरक्षण करना अनिवार्य है। हमें पौधे का पेड़ बनने तक बच्चों की तरह संरक्षण करना चाहिए। पौधा पेड़ बनकर हमें फल देता है। वहीं एक पेड़ सैकड़ों जिंदगियां बचाने में सक्षम होता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अज्ञानता और स्वार्थ के चलते पेड़ों की कटाई कर देते हैं। इससे पर्यावरण को नुकसान होता है। ग्राम प्रधान खुसरो भाई ने कहा कि पेड़-पौधे पशु-पक्षियों के प्राकृतिक आवास हैं। मनुष्य द्वारा प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने से अनेकों पशु-पक्षियों की प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं। वहीं पेड़ों की कटाई से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। इसका असर पृथ्वी के प्रत्येक प्राणी पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करना प्रत्येक मनुष्य की नैतिक जिम्मेदारी है। इसके लिए हमें आगे आना चाहिए और दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए। सचिव प्रवेश कुमार ने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए हमें अपने जीवन में एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। इस अवसर पर ग्रामवासियों ने भी पौधारोपण किया।