आधी दुनिया

महामारी के खाली समय में लिखने की आदत डाली, अब बाज़ार में आया निबंध संग्रह समय की रेत पर
News

2024-12-26 16:20:00

परिवार से विरासत में मिले साहित्य प्रेम और माहौल से बनी लेखिका प्रियंका सौरभ

कहते है न कि बच्चों को जैसा माहौल घर में मिलता है, उनके भविष्य में उसकी छाप ज़रूर दिखती है। अगर परिवार में गायन का माहौल है तो बच्चें में गायन के गुण स्वतः आ जाते हैं। ऐसे ही अन्य कलाओं के बारें में भी है। साहित्यिक माहौल वाले परिवार में पली-बढ़ी हरियाणा के हिसार की प्रियंका सौरभ आज नामी संपादकीय लेखिका, शिक्षिका, साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्त्ता है। वे कहती है-मेरे मायके में मेरे दादा जी और पिता जी को किताबें पसंद थी और अब ससुराल में आने के बाद मेरे पति ने साहित्यिक माहौल दिया है। इनके पति डॉ सत्यवान सौरभ एक चर्चित कवि और लेखक है तो आये रोज़ घर में साहित्यिक चर्चाएँ और गतिविधियाँ चलती रहती है। बचपन में डायरी लिखने का अंकुर मन में पड़ चुका था। स्कूल और कॉलेज के दिनों में डायरी में कुछ न कुछ लिखने की आदत रही। राजनीति विज्ञान में मास्टर्स और एमफिल के दौरान समसामयिक विषयों की समझ बढ़ी तो समसामयिक लेख लिखने की आदत बनी। आज ये हिंदी और अंग्रेजी के 10,000 से अधिक समाचार पत्रों के लिए दैनिक संपादकीय लिख रही हैं जो विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित होते हैं। कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन गोष्ठियाँ शुरू हुई तो काव्य में रूचि के चलते कवितायेँ लिखने की शुरुआत हुई। इसी दौरान पहला काव्य संग्रह दीमक लगे गुलाब नाम से छपा और काफ़ी चर्चित हुआ। महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर लिखते रहने से दूसरी पुस्तक निर्भयाएं निबंध संग्रह के रूप में आया और तीसरी पुस्तक अंग्रेज़ी में फीयरलेस बनकर आई। हाल ही में चौथी पुस्तक समय की रेत पर अहमदाबाद से प्रकशित हुई है और साथ ही दीमक लगे गुलाब काव्य संग्रह का दूसरा संस्करण बाज़ार में आया है।

कई क्षेत्रों में कार्य, सम्मान भी मिलें

प्रियंका सौरभ कई क्षेत्रों में कार्य कर रही है। लेखिका होने के अलावा शिक्षिका और सामाजिक कार्यकर्त्ता भी है। महिला सशक्तिकरण, हिन्दी भाषा, भारतीय सभ्यता और विरासत, धर्म, संस्कृति और बच्चों और महिलाओं के लिए साहित्यिक और शैक्षिणिक गतिविधियाँ, सामाजिक सरोकारों को लेकर कार्य करती है। देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित मंचों पर साहित्यिक, सामाजिक,सांस्कृतिक, महिलाओं और बच्चों से जुड़े हुए कार्यक्रमों का सफल सञ्चालन किया है। ख़ुद का एक शैक्षिणिक यू ट्यूब चैनल चलाकर फ्री कोचिंग भी देती है। साहित्यिक, शैक्षिणिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए कई सम्मान भी मिल चुके। इनमें आईपीएस मनुमुक्त मानव पुरस्कार, नारी रत्न पुरस्कार, हरियाणा की शक्तिशाली महिला पुरस्कार (दैनिक भास्कर समूह) ज़िला प्रशासन भिवानी द्वारा पुरस्कृत, यूके, फिलीपींस और बांग्लादेश से डॉक्टरेट की मानद उपाधि, विश्व हिन्दी साहित्य रत्न पुरस्कार, सुपर वुमन अवार्ड, ग्लोबल सुपर वुमन अवार्ड, महिला रत्न सम्मान, विद्यावाचस्पति मानद पीएच.डी. (साहित्य) स्वतन्त्र पत्रकारिता और साहित्य में उत्कृष्ट लेखन के लिए महात्मा गांधी अवॉर्ड प्रमुख है।

आत्म कथ्य: -जीवन में सफल होना है तो हमेशा बेहतरी के लिए प्रयास करते रहें। जो भी काम करें किसी ख़ास उद्देश्य के लिए समाज के हित में हो। जो भी करें यह सोचे कि इस से और बेहतर क्या कर सकते है। हमेशा अपना बेस्ट दें।

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@anupamsandesh.com
Copyright© Anupam Sandesh
Powered by DiGital Companion