2024-01-02 13:41:47
मित्रता और सच्चाई: दुनिया से मानवता और आपसी विश्वास का भाव कम हो रहा है। जिससे लोग एक दूसरे पर विश्वास नहीं कर पा रहे पूरी दुनिया इस समस्या से जूझ रही है। महायोगी वास्तविक मित्रता और सच्चाई के पुनरुद्धार के बड़े समर्थक हैं। उनका संदेश वास्तविक संबंधों को प्रबल बनाना और छल कपट से टूटे हुए लोगों में पुनः विश्वास की भावना का निर्माण करना है। महायोगी इस आह्वान का प्रतिनिधित्व कर रहा है जिससे आपसी विश्वास बढ़ सके।
पड़ोसी राज्यों हेतु एकता: वर्तमान में पड़ोसियों के बीच आपसी प्रेम और सौहार्द कम हो गया है। महायोगी पड़ोसियों के बीच आपसी सौहार्द को बढ़ाने हेतु संबोधित करते हैं और आपसी निस्वार्थता और सामुदायिक एकता की भावना को प्रेरित करते हैं। उनका दृष्टिकोण एक ऐसी दुनिया की तस्वीर पेश करता है जहां पड़ोसी स्वार्थी प्रवृत्तियों को कम करते हुए मदद के लिए एक दूसरे का सहयोग करें।
राजनीति में सद्भाव: महायोगी की क्रांतिकारी योजना सामाजिक ही नहीं राजनीतिक क्षेत्र तक फैली हुई है, ये राजनीतिक विवादों को सुलझाने और उसका समाधान करने के साथ साथ आधुनिक चुनौतियों का सामना करते हैं। उनका दृष्टिकोण विभाजनकारी राजनीतिक विचारधाराओं से अलग हटकर, एकजुट राष्ट्र बनाने के लिए एक प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य करता है। प्राचीन अखण्ड भारत को वापस लाने का एकमात्र तरीका यह है कि हम सभी एक हो जाएं साथ ही पूरी दुनिया का सहयोग करने के लिए और अपने देश की मजबूत नींव बनाने के लिए हेतु शांति, प्रेम और एकता के गहन सिद्धांतों में विश्वास करें और अमल करें।
अंतरधार्मिक सद्भाव: महायोगी किसी एक देश या सम्प्रदाय की सीमाओं से बंधे नहीं है अपितु सम्पूर्ण दुनिया के हित चाहने वाले हैं। भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक विभिन्नता अधिक है। महायोगी आध्यात्मिक जागृति और सार्वभौमिकता पर जोर देते है और देश में हो रहे धार्मिक संघर्षों को हल करना चाहते हैं। वह एक ऐसी दुनिया का सपना देखते हैं जहां सभी विभिन्न आस्थाएं एकता के सिद्धांतों को अपनाकर सही निर्देशानुसार सौहार्दपूर्ण ढंग से मिलजुल कर रहें साथ ही अपना सह अस्तित्व भी बनाकर रहे।
सभी के धर्म पर विश्वास करें, सम्मान करें और प्यार करें और एक साथ मिलजुल कर खुशी से रहें। यही एकमात्र तरीका है जिससे हम भारत की सच्ची संस्कृति को सभी के सामने ला सकते हैं।
एकता की नगरी अयोध्या: महायोगी भगवान राम की पवित्र भूमि अयोध्या की कल्पना एकता की नगरी के रूप में करते हैं।