मनी लॉन्ड्रिंग से लड़ने में एआई होगा एक अहम टूल आरबीआई गवर्नर

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा
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2025-03-26 16:40:27

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के बदलते पारिदृश्य में नियामकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) आदि के माध्यम से असिसमेंट फ्रेमवर्क को लगातार मजबूत करना चाहिए। टेक्नोलॉजी से कारोबार करना हुआ अधिक आसान एक इवेंट में लोगों को संबोधित करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि टेक्नोलॉजी ने कारोबार करने में अधिक आसानी प्रदान की है, लेकिन साथ ही, इसने मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध फंडिंग के तरीकों को बहुत ही एडवांस बना दिया है। इस कारण रिस्क असेसमेंट मॉडल को और बेहतर बनाना अनिवार्य हो जाता है। केंद्रीय बैंकों से वित्तीय दुनिया में नवीनतम रुझानों और विकास को समझने का किया आग्रह उन्होंने केंद्रीय बैंकों से वित्तीय दुनिया में नवीनतम रुझानों और विकास को समझने का भी आग्रह किया, जिसका आपराधिक तत्वों द्वारा फायदा उठाया जा सकता है। साथ ही उन्होंने नीति निर्माताओं को सावधान भी किया। मल्होत्रा ​​ने कहा, “हम अपनी वित्तीय प्रणालियों को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी फंडिंग के खिलाफ सुरक्षित और संरक्षित बनाना जारी रखते हैं, हमें नीति निर्माताओं के रूप में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारे उपाय अति उत्साही न हों और वैध गतिविधियों और निवेशों को बाधित न करें।” प्राप्त होने वाले डेटा की गुणवत्ता में सुधार करने की आवश्यकता मल्होत्रा ने आगे कहा कि केंद्रीय बैंकों को ऐसे नियम और रूपरेखा विकसित करनी चाहिए जो संदिग्ध लेनदेन का पहले ही पता लगा सकें और कार्रवाई कर सकें। उन्होंने कहा कि प्राप्त होने वाले डेटा की गुणवत्ता में सुधार करने की आवश्यकता है। साथ ही आने वाली टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, चाहे वह एआई हो या ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी या मशीन लर्निंग हो। नियामकों को वित्तीय समावेशन में अनपेक्षित बाधाएं पैदा नहीं होनी चाहिए मल्होत्रा के मुताबिक, “इससे हमें लेनदेन की जांच और संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने में मदद मिलेगी, जिससे गलतियों, झूठी सकारात्मकता और झूठी नकारात्मकता में कमी आएगी।” मल्होत्रा ​​ने आगे कहा कि आरबीआई 2027 तक इंक्लूसिव क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट की दिशा में जी-20 रोडमैप के अगले चरण को प्रभावी ढंग से लागू करने की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में काम करना जारी रखेगा। आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि नियामकों को वित्तीय समावेशन में अनपेक्षित बाधाएं पैदा नहीं होनी चाहिए। मल्होत्रा ने कहा, “हमें अपराधों को रोकने के लिए कार्रवाई करते समय ग्राहकों के अधिकारों और सुविधाओं का ध्यान रखना चाहिए।”

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