2025-01-09 18:58:44
नई दिल्ली। जल शक्ति मंत्रालय की निष्क्रियता के कारण केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के चार भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जबकि उन्होंने 120 से अधिक सरकारी अधिकारियों की मेहनत की कमाई से ₹20 करोड़ हड़पने की साजिश को अंजाम दिया। इन अधिकारियों पर कोई कड़ा कदम नहीं उठाए जाने से अधिकारियों का मनोबल गिर गया है।धोखाधड़ी में शामिल अधिकारियों में श्री ए.के. खरया (मुख्य अभियंता), श्री अभिषेक सिन्हा (निदेशक), श्री विमल कुमार (निदेशक), और श्री प्रदीप ठाकुर (निदेशक) शामिल हैं, जिन्होंने एक धोखाधड़ी योजना के तहत भूमि पूलिंग नीति से जुड़े 120 से अधिक सरकारी अधिकारियों की कमाई की ₹20 करोड़ से अधिक राशि हड़प ली।इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एफआईआर संख्या 55/2020 के तहत आरोपियों को धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के आरोपों में दोषी पाया है। अदालत ने कहा कि अधिकारियों के बीच आपराधिक साजिश थी और धोखाधड़ी का इरादा साफ था। इसके बावजूद जल शक्ति मंत्रालय ने कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की, जिससे पीड़ितों को मानसिक और वित्तीय नुकसान हुआ।प्रेस कांफ्रेंस में कहा गया कि अगर जल शक्ति मंत्रालय ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो पीड़ित कर्मचारी प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिवालय पर प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। वे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और अधिकारियों के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं करेंगे।