धौलपुर राजस्थान

जिला एवं सेशन न्यायाधीश की अध्यक्षता में हुआ जिला कारागृह एवं लीगल एड क्लीनिक धौलपुर का औचक निरीक्षण
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2025-07-30 21:05:31

जिला एवं सेशन न्यायाधीश की अध्यक्षता में हुआ जिला कारागृह एवं लीगल एड क्लीनिक धौलपुर का औचक निरीक्षण धौलपुर, 30 जुलाई। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुपालना में अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला एवं सेशन न्यायाधीश अरुण कुमार अग्रवाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेखा यादव एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति सिंह मीणा के संयुक्त तत्वावधान में जिला कारागृह एवं लीगल एड क्लीनिक धौलपुर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने नालसा द्वारा जारी एसओपी में वर्णित दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित किये जाने के एवं आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। निरीक्षण दौरान जेल में जाकर अलग-अलग बैंरकों का बारिकी से निरीक्षण किया एवं सभी कन्विक्ट एवं अंडरट्राइल बंदियों से अलग-अलग उनके प्रकरणों की जानकारी प्राप्त की सभी बंदियों से उनकी अपील के संबंध में जानकारी ली उनसे उनके केस, तारीख पेशी, विधिक सहायता, इत्यादि के बारे में पूछा तथा उनके बाद बंदियों से नाश्ता, भोजन, मेडिकल सुविधा, कैटिंन सुविधा, कूलर पंखे लाइट इत्यादि की समस्याओं के बारे में पूछा जिसमें बंदियों ने बताया कि उन्हें नाश्ते में पोए एवं भोजन में कद्दू की सब्जी, मूंग की दाल एवं रोटियां दी गई निरीक्षण दौरान कुछ बंदियों ने अपनी अपीलों के बारे में बताया कुछ बंदियों ने बताया कि हमारी जमानत हो चुकी है कुछ कैदियों ने अपनी सजा के बारे में बताया कुछ कैदियों ने कोई भी समस्या नहीं होना बताया निरीक्षण दौरान अरुण कुमार अग्रवाल ने सभी बंदियों से उनके वकीलों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की उन्होंने बताया कि अगर किसी बंदी का वकील नहीं है तो वह लीगल एड क्लीनिक द्वारा अपना वकील निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं निरीक्षण दौरान जेल में लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण किया गया एवं एलएडीसीज अधिवक्तागणों को प्रत्येक बंदियों के लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए जिसमें उनके प्रकरण संख्या, वकील का नाम, पता इत्यादि और प्रतयेक कैदियों को फॉर्मेट भरकर बंदियों को देने के निर्देश दिए उसके बाद उन्होंने वी.सी.रूम का निरीक्षण किया जिससे बंदियों को अधिवक्ता एवं उनके परिजनों से वार्ता सुलभ हो सके इसी प्रकार अलग-अलग बैंरकों में जाकर पंखे, कूलर, साफ-सफाई इत्यादि का निरीक्षण किया और निर्देशित किया कि साफ-सफाई सही तरीके से रखें। निरीक्षण दौरान महिला बैंरकों का भी निरीक्षण किया निरीक्षण दौरान महिलाओं से उनके प्रकरण, वकीलों के नाम इत्यादि की जानकारी ली एवं उनके बैंरकों का भी निरीक्षण किया बैंरकों में वेंटिलेशन एवं खिड़कियां उचित नहीं पाई गई जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि वे उनकी समस्याओं को जल्द से जल्द दुरुस्त करें। निरीक्षण दौरान बिजली समस्या को देखते हुए जनरेटर की व्यवस्था करवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बंदियों को बताया कि यदि किसी विचाराधीन बंदी का उसके प्रकरण में पैरवी हेतु कोई अधिवक्ता नहीं है तो ऐसे बंदी जेल अधीक्षक के माध्यम से अथवा संबंधित न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने पर न्यायालय के माध्यम से नियमानुसार अधिवक्ता नियुक्ति हेतु विधिक सहायता का प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धौलपुर को भिजवा सकते हैं। जिससे ऐसे बंदीगण की ओर से पैरवी हेतु प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध करवाया जा सके। इसी प्रकार ऐसे सजायाफ्ता बंदी जिन्होंने सजा के खिलाफ अपील नहीं की है और वह अपील करना चाहता है तो ऐसे बंदी को विधि अनुसार अपील करने का पूर्ण अधिकार है और ऐसे बंदी को भी अपील हेतु विधिक सहायता के माध्यम से निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध करवाया जावेगा। इस मौके पर जिला न्यायालय के पीए मनोज वर्मा, प्राधिकरण के स्टेनो राहुल डण्डौतिया, डिप्टी एलएडीसी पप्पू सिंह गुर्जर, असिस्टेंट एलएडीसी दीपक सिकरवार, मीता अग्रवाल, आराधना शर्मा, जेल अधीक्षक सुमन मीणा, जेलर पूरन चंद शर्मा इत्यादि सहित कारागृह का स्टॉफ एवं बंदीजन मौजूद रहे।

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