2025-09-09 19:51:28
अलीगढ़। विकसित भारत/ 2047 एवं उत्तर प्रदेश के विगत 8 वर्ष विषय पर मंगलवार को श्री टीकाराम कन्या इंटर कालेज में विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें शासन स्तर से आए वरिष्ठ अधिकारियों श्री एन.सी. उपाध्याय, श्री के.डी. वर्मा एवं श्री के.डी. दीक्षित ने छात्राओं से संवाद स्थापित किया। विकसित भारत / 2047 अभियान के अंतर्गत सेवानिवृत्त प्रमुख अभियंता एन.सी. उपाध्याय ने श्री टीकाराम कन्या इंटर कॉलेज की छात्राओं को विकसित भारत के 12 प्रमुख पैरामीटरों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीते 8 वर्षों में देश ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। सरकार का लक्ष्य प्रति व्यक्ति आय और साक्षरता दर को बढ़ाने, औसत आयु को 70 से 85 वर्ष तक ले जाने, क्लीन एनर्जी को प्रोत्साहन देने और ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को और सुलभ बनाने पर केंद्रित है। सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक के0डी0 दीक्षित ने शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के विस्तार एवं जीडीपी वृद्धि से वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में अहम बताया। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस के लिए आप सभी द्वारा दिए गए सुझाव महत्वपूर्ण हैं। सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक के0डी0 वर्मा ने कहा कि भारत के साथ ही उत्तर प्रदेश भी कृषि प्रधान राज्य है। प्रदेश में 78 प्रतिशत आबादी ग्रामों में बसती है। विकसित उत्तर प्रदेश के लिए 2047 तक 60 प्रतिशत शहरीकरण का लक्ष्य के साथ ही प्रत्येक जिले की एक्सप्रेस-वे से कनेक्टिविटी एवं ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने पर्यावरणीय संतुलन पर बल देते हुए बताया कि वर्ष 2024 अब तक का सबसे गर्म वर्ष रहा है। यदि हमारा तापमान 1 डिग्री सेंटीग्रेड बढ़ता है तो उससे 1-1.5 प्रतिशत जीडीपी कम होती है। सभी अधिकारियों ने छात्राओं से शिक्षा के गुणवत्तापूर्ण सुधार, भविष्य की जरूरतों और विकसित भारत के विज़न में उनकी सहभागिता को लेकर सुझाव आमंत्रित किए। छात्राओं ने कहा कि विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी और आधुनिक लैब की सुविधा बढ़ाई जाए। शिक्षकों को नई तकनीक का प्रशिक्षण मिले और पाठ्यक्रम में कौशल शिक्षा, करियर काउंसलिंग और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विशेष कक्षाएँ शामिल हों। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग, छात्रवृत्ति, निःशुल्क मार्गदर्शन, स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण और खेलकूद की सुविधाओं पर भी जोर दिया। छात्राओं ने सुझाव दिया कि एआई, रोबोटिक्स व कोडिंग जैसी नई तकनीकें पढ़ाई में शामिल हों और अभिभावकों व समाज की सक्रिय भागीदारी से शिक्षा को और मजबूत बनाया जाए। छात्राओं ने विद्यालयों में बेहतर अधोसंरचना, स्मार्ट कक्षाओं का विस्तार, तकनीकी शिक्षा के अवसर, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन और कौशल विकास प्रशिक्षण जैसी बातों पर भी अपने विचार रखे। सभी अधिकारियों ने कहा कि छात्राओं के सुझाव विज़न डॉक्यूमेंट तैयार करने में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे निरंतर शिक्षा, नवाचार और सामाजिक दायित्व के प्रति सजग रहकर विकसित भारत के निर्माण में योगदान दें। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी आलोक आर्य, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी एके दीक्षित, क्षेत्रीय निदेशक इग्नू अजय वर्धन आचार्य, प्रधानाचार्य इंदु शर्मा, अधिशासी अभियंता सिंचाई राजेंद्र कुमार, एडी इंफॉर्मेशन संदीप कुमार, एडीआईओएस मनोज कुमार, एडीएसटीओ गनवीर सिंह एवं स्कूली छात्राएं व शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।