2025-08-28 19:47:57
नेशनल डेस्क: भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ यानी आयात शुल्क को लेकर चल रहा विवाद गरमा गया है। भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने के बाद सरकारी सूत्रों ने कहा है कि दोनों देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने की कोशिशें जारी हैं। उनका मानना है कि यह स्थिति दोनों देशों के मजबूत संबंधों में एक अस्थायी समस्या है। सरकारी सूत्रों के अनुसार अमेरिका ने अब भारत के कई निर्यात पर कुल शुल्क को बढ़ाकर 50% कर दिया है, जिससे भारत अब ब्राजील के साथ इस मामले में शीर्ष पर आ गया है। इस बढे हुए टैरिफ का असर कुल निर्यात के दो- तिहाई हिस्से पर होगा, जिसका सालाना मूल्य 60 अरब डॉलर से ज्यादा है। इसे लेकर भारतीय अधिकारियों का कहना है कि निर्यातकों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत का निर्यात आधार बहुत बड़ा और विविध है, इसलिए इसका प्रभाव बहुत गंभीर होने की उम्मीद नहीं है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने एक इंटरव्यू में कहा, मुझे लगता है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अंततः हम एक साथ आएंगे। बेसेंट ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शीर्ष स्तर पर बहुत अच्छे संबंध हैं। अमेरिकी वित्त मंत्री ने ट्रंप के विचारों को दोहराते हुए भारत पर लगाए हाई टैरिफ पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब व्यापार संबंधों में दरार आती है, तो घाटे वाले देश को फायदा होता है, जबकि फायदे वाले देश को चिंता करनी चाहिए। उनका यह बयान भारत के उच्च टैरिफ के जवाब में आया है। जर्मन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस टैरिफ विवाद के चलते पीएम मोदी ने हाल के हफ्तों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चार फोन कॉल का जवाब नहीं दिया। लेकिन इस संबंध में भारत सरकार ने कहा कि इस अमेरिकी दबाव के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है।