2025-08-13 19:45:24
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने राष्ट्रीय हितधारक परामर्श का आयोजन कर देश में पारदर्शी और जिम्मेदार खाद्य लेबलिंग के लिए एक नया रोडमैप तैयार किया। बैठक में मौजूदा नियमों की समीक्षा, उन्हें लागू करने में आ रही चुनौतियों पर चर्चा और उपभोक्ता संरक्षण, जनस्वास्थ्य तथा खाद्य उद्योग में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नीतियों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने पर जोर दिया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि बदलते खाद्य क्षेत्र में नैतिक और सत्यपूर्ण लेबलिंग व विज्ञापन बेहद जरूरी है। उन्होंने सर्वोत्तम प्रथाएं अपनाने, खाद्य उत्पादों की बारीकी से जांच करने और ऐसे महत्वपूर्ण परामर्श को आगे भी जारी रखने की अपील की। एफएसएसएआई अध्यक्ष निधि खरे ने कहा कि खाद्य लेबलिंग केवल मार्केटिंग का तरीका नहीं, बल्कि यह निर्माता और उपभोक्ता के बीच भरोसे की सबसे अहम कड़ी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हर उत्पाद में मौजूद सभी चीजों की सच्ची और ईमानदार जानकारी दी जानी चाहिए, ताकि अंतिम फैसला उपभोक्ता खुद कर सके। वहीं नीति आयोग के सदस्य संजीव सान्याल ने विज्ञापनों में किए जाने वाले वैज्ञानिक दावों के लिए बाहरी सत्यापन की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने एफएसएसएआई के इस फैसले की भी सराहना की कि लेबल में सभी बदलाव साल में केवल एक बार लागू होंगे, जिससे उद्योग में अनिश्चितता कम होगी।