जम्मू काश्मीर की वादियों में पूर्ण शांति, सद्भावना और पर्यटन विकास के लिए कटिबद्ध भारत

(काश्मीर में अब होगा अमन चैन का खुशनुमा माहौल)
News

2023-09-07 15:04:11

जम्मू कश्मीर की वादीयो में अब अमन चैन लहराने लगा है ।कई देश और प्रदेश यहां पर्यटन के विकास के लिए और इसके अर्थ तंत्र को मजबूत करने में भारत सरकार का साथ दे रहे हैं। कश्मीर में पर्यटन फिर से फलने फूलने लगा है शांति स्थापित होने के साथ साथ ही राष्ट्रीय त्यौहार बड़े जोर-शोर से मनाया जाने लगा है। भारत सरकार काश्मीर की शांति, सद्भावना और विकास के लिए कटिबंध है। अब जम्मू काश्मीर में शांति और सद्भावना धीरे-धीरे बहाल हो रही है और प्रदेश खुशहाली की तरफ बढ़ रहा है ।

इतिहासकार जम्मू कश्मीर को भारत का स्वर्ग कहते आए हैंl और यह अत्यंत सही भी है की जम्मू कश्मीर की लुभावनी फिजाएं सुरम्य झील, नदियां, पहाड़ पर्यटकों को लुभाती आ रही हैंl पाक समर्थित आतंकवादी यह नहीं चाहते कि जम्मू कश्मीर में फिर शांति सद्भावना स्थापित हो और काश्मीरी ब्राह्मण वापस आकर रहने लगें। ये आतंकवादी इस मंतव्य से जाति विशेष के लोगों की हत्या कर रहे हैं कि वहां पर जातिगत वैमनस्यता भड़का कर घाटी में ज्यादा से ज्यादा अशांति का संचार हो और वह अपने मकसद पर कामयाब हो जाए। इधर एलएसी में नापाक चीन द्वारा तवांग घाटी में घुसपैठ करने की कोशिश की गई जिसका भारतीय सेना ने मुंह तोड़ जवाब देकर उन्हें वापस खदेड़ा गया। एलओसी और एलएसी पर माहौल काफी चिंतनीय है और सीमा पर स्थाई समाधान खोजने की परम आवश्यकता है।

जम्मू कश्मीर में 370 धारा हटाने के बाद पाकिस्तान लगातार तिलमिलाया हुआ है, और वहां शांति,अमन फैलने से काफी बेचैन भी है। कश्मीर में चरमपंथी, कश्मीरी पंडितों की वापसी के बीच अल्पसंख्यकों का भरोसा तोड़ना चाहते हैं। कश्मीर में विगत 30 वर्षों से आतंकवादी हिंसा से 35 से 40 हजार लोगों की हत्या हो चुकी है। चरमपंथी जम्मू कश्मीर की शांति स्थापना के प्रयास को तोड़ना चाह कर, वहां अशांति फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। अत्यंत उल्लेखनीय है कि कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद केंद्र सरकार का वहां पर विकास की योजनाएं लागू करने पर पूरा जोर लगा रही है। चुनाव कराने की घोषणा के बाद राजनीतिक गतिविधियां भी तीव्रता के साथ बढ़ रही हैं। भारत-पाकिस्तान की सेनाओं के बीच संघर्ष विराम के बाद सीमाओं पर आए दिन होने वाली गोलीबारी तो शांत है।

इसका मतलब यह नहीं निकाला जाना चाहिए कि पाकिस्तान अपनी आतंकी हरकतों से बाज आ गया है। वह सीमा के पास लांच पैड से लगातार आतंकी हमलावारों को भारत की सीमा में प्रवेश कराने की कोशिश कर रहा है। एक प्रकरण में विगत दिनों सीमा पार करते हुए 4 में से 3 आतंकियों को मार गिराया गया एवं एक आतंकी को पकड़कर हिरासत में भी लिया गया। पकड़े गए आतंकवादी के बयान के अनुसार पाकिस्तान तथा उसकी खुफिया एजेंसी आई, एस, आई की पूरी पोल खुल गई है। और पाकिस्तान का आतंकवादी चेहरा बेनकाब हो गया है। पाकिस्तानी आतंकवादियों का फिर से 1990 वाली स्थिति में कश्मीर को लाने का प्रयास किया जा रहा है। उस समय कश्मीरी पंडित हिंसा और दहशत से घबराकर कश्मीर छोड़ कर चले गए थे। उन्होंने अपनी संपत्ति को छोड़कर तस्वीर से पलायन किया था। अब 370 धारा हटाने के बाद केंद्र सरकार का यह प्रयास लगातार जारी है कि कश्मीरी पंडित वापस जम्मू कश्मीर में अपनी बेची हुई या छोड़ी हुई जगह पर आकर फिर से काबिज हों एवं कश्मीर में फिर से शांति बहाल का बेहतरीन माहौल तैयार हो। वहां पर पर्यटन तथा उद्योगों को भी आमंत्रित किया जा रहा है।

इन परिस्थितियों में पाकिस्तान बिल्कुल नहीं चाहेगा की जम्मू कश्मीर उनके हाथ से निकल कर पूरी तरह भारतीय सरकार की गिरफ्त में हो। पाकिस्तान का यह प्रयास है कि केंद्र शासन चीन के साथ लद्दाख तथा अरुणाचल प्रदेश की सीमा में व्यस्त होने के कारण, वह अपने आतंकवादियों को जम्मू कश्मीर की सीमा में प्रवेश कराकर घाटी में आतंक का साया स्थापित कर सकता है,तो यह पाकिस्तान और आई,एस,आई को समझ लेना चाहिए कि भारत अपनी सीमा की रक्षा करने में सक्षम तो है ही साथ ही अंतरराष्ट्रीय मित्र देशों का भी उसके साथ समर्थन है। उधर पाकिस्तान की स्थिति यह है कि कुछ मुस्लिम देशों को छोड़कर पूरी मुस्लिम देशों की बिरादरी पर वह अलग-थलग पड़ गया है।

उसकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है और अपने मालिक चीन की आर्थिक सहायता के दम पर वह देश का खर्चा चला रहा है। अमेरिका को पिछले दो दशकों से अफगानिस्तान में अमेरिका को लगातार धोखे में रख तालिबानी आतंकवादियों की तन मन धन से सहायता कर वैश्विक अशांति को फैलाने का प्रयास कर रहा है। कश्मीर घाटी में विगत 10 दिनों में जिस तरह से आतंकी गतिविधियों में तेजी आई है यह स्पष्ट संकेत करते हैं कि पाकिस्तान सरकार और उसकी खुफिया एजेंसी आई,एस,आई तालिबान में आतंकवादियों की दिशा भारत के जम्मू कश्मीर की तरफ मोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। कश्मीर में आतंकवादी अल्प संकट हिंदुओं को निशाना बनाकर उनके धार्मिक स्थलों क्षतिग्रस्त कर आस्था पर चोट करने का प्रयास कर रहे हैं। यह विदित है कि पाकिस्तान की सीमा से लगा कश्मीर सामरिक दृष्टि से भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इन हालातों को मद्दे नजर रख भारत को सजग रहकर चौकी करनी होगी आतंकी घटनाओं पर

जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर सिन्हा जी ने आश्वस्त किया है कि आने वाले कुछ दिनों में इन आतंकियों का पूर्ण रूप से सफाया कर दिया जाएगा और फिर सेना तथा जम्मू कश्मीर पुलिस अमन चैन स्थापित करने का प्रयास करेगी। यह एक अच्छी खबर है कि भारत सतर्क एवं सावधान है। पिछली जुलाई तक मारे गए 136 आतंकवादियों में 15 आतंकवादी विदेशी थे। मई महीने में आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का एक दुर्दांत आतंकी जुनेद सरई श्रीनगर एनकाउंटर में मारा गया था। अब यह अत्यंत जरूरी हो गया है कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को समूल नष्ट किया जाए। जम्मू कश्मीर में फिर से शांति बहाल होकर विकास की नई धारा प्रवाहीत की जानी चाहिए।

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@anupamsandesh.com
Copyright© Anupam Sandesh
Powered by DiGital Companion