2025-07-24 15:55:26
गुयाना में भारतीय उच्चायोग ने गुरुवार को एक प्रदर्शनी आयोजित की। यहां भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा बनाई तकनीकों को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में रिसोर्स मैपिंग, जलवायु अनुकूलन, कृषि और अन्य जुड़े हुए विषयों में नई तकनीकों को दिखाया गया यह प्रदर्शनी गुयाना की राजधानी जार्जटाउन में हो रहे ‘ग्लोबल बायोडायवर्सिटी अलायंस समिट’ के मौके पर लगाई गई। प्रदर्शनी में रिसोर्स मैपिंग, जलवायु अनुकूलन, कृषि और अन्य जुड़े हुए विषयों में नई तकनीकों को दिखाया गया। भारतीय उच्चायोग ने एक्स पर लिखा, “यह प्रदर्शनी गुयाना सरकार के साथ मिलकर आयोजित की गई है, जो सतत विकास और नवाचार में हमारे बढ़ते सहयोग को दिखाती है। हम इस पहल में गुयाना के राष्ट्रपति से मिल रहे समर्थन का धन्यवाद करते हैं।” भारत गुयाना, ‘कैरिकॉम’, और ग्लोबल साउथ के अपने साथियों संग साझेदारी कर रहा है भारतीय उच्चायोग ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच का हिस्सा है। इसके तहत भारत गुयाना, ‘कैरिकॉम’, और ग्लोबल साउथ के अपने साथियों संग साझेदारी कर रहा है। उच्चायोग ने बताया कि नवंबर 2024 में गुयाना की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने जॉर्जटाउन में दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था। उन्होंने भारत और कैरिकॉम साझेदारों के बीच एक मजबूत और बहुआयामी साझेदारी की बात की थी। इसरो की टीम जैव विविधता संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने वाले ‘ग्लोबल बायोडायवर्सिटी अलायंस समिट’ में हिस्सा लेने गुयाना गई है इसरो की टीम जैव विविधता संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने वाले ‘ग्लोबल बायोडायवर्सिटी अलायंस समिट’ में हिस्सा लेने गुयाना गई है। प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) के वैज्ञानिक जी. श्रीनिवास राव, पृथ्वी अवलोकन और आपदा प्रबंधन कार्यक्रम कार्यालय के जीएस. पुजार और एनआरएससी के वन, जैव विविधता और पारिस्थितिकी विभाग के प्रमुख सुधाकर रेड्डी चिंताला शामिल हैं। उच्चायोग के अनुसार, यह दौरा जैव विविधता प्रबंधन, पर्यावरण विज्ञान, जलवायु परिवर्तन, कृषि, आपदा प्रबंधन और अंतरिक्ष से जुड़े अन्य कामों में गुयाना के साथ भारत के सहयोग को दर्शाता है।