अमेरिकी ट्रेड टैरिफ की घोषणा के बाद गिरावट के साथ खुला भारतीय शेयर बाजार

भारतीय शेयर बाजार में आज गुरुवार को भारी गिरावट देखने को मिली, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात
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2025-07-31 19:55:22

भारतीय शेयर बाजार में आज गुरुवार को भारी गिरावट देखने को मिली, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर 25% आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा रही। इस फैसले ने निवेशकों में चिंता बढ़ा दी और बाजार लाल निशान में खुला। आज सुबह 9:27 बजे सेंसेक्स 487 अंकों की गिरावट के साथ 80,994 पर और निफ्टी 140 अंकों की गिरावट के साथ 24,717 पर कारोबार कर रहा था। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी कमजोरी दिखी। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 457 अंक गिरकर 57,484 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 100 अंक गिरकर 18,037 पर पहुंच गया। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के प्रमुख निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा कि अगस्त के मध्य में भारत और अमेरिका के बीच बातचीत की शुरुआत के बाद टैरिफ में कमी संभव है। उन्होंने बताया कि भारत पर लगाया गया 25% टैरिफ अन्य देशों के साथ निर्धारित व्यापार दरों से कहीं अधिक है और यह ट्रंप की रणनीति का हिस्सा है ताकि भारत से अन्य क्षेत्रों में बेहतर सौदे हासिल किए जा सकें। उम्मीद है कि यह टैरिफ आगे चलकर घटकर 20% या उससे भी कम हो सकता है। डॉ. विजयकुमार ने यह भी कहा कि निफ्टी के 24,500 अंक से नीचे जाने की संभावना फिलहाल कम है और निवेशकों को गिरावट के मौके पर घरेलू अर्थव्यवस्था से जुड़े सेक्टर्स में निवेश करना चाहिए। इनमें प्राइवेट बैंक, टेलीकॉम, कैपिटल गुड्स, सीमेंट, होटल और चुनिंदा ऑटो कंपनियां शामिल हैं जिनका प्रदर्शन पहली तिमाही में अच्छा रहा है। आज सुबह लगभग सभी प्रमुख सेक्टर्स में गिरावट दर्ज की गई, जिनमें ऑटो, एनर्जी, फार्मा, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल, रियल्टी और पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेस (PSE) शामिल हैं। सेंसेक्स में जिन शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई, उनमें महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम), भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, एचसीएल टेक, टाइटन, एसबीआई, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, ट्रेंट, एलएंडटी, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी प्रमुख रहे। वहीं टाटा स्टील, आईटीसी, पावर ग्रिड, एचयूएल और इटरनल जैसे कुछ शेयर हरे निशान में रहे और टॉप गेनर्स में शामिल हुए। वहीं विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 30 जुलाई को लगातार आठवें दिन बिकवाली की और 850 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने उसी दिन 1,829 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे और लगातार 18वें सत्र में अपनी खरीदारी जारी रखी

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