महिला सशक्तिकरण की मजबूती के लिए बनाया जाता है राष्ट्रीय महिला दिवस नरेंद्र सिंह कुशवाह

महिलाएं जागृत होकर अपनी योजनाओं के प्रति जागरूक बने -
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2025-03-09 15:57:45

भिण्ड अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के गौरवमयी अवसर पर महारानी वीरांगना अवंतीबाई लोधी राजपूत छात्रावास द्वारा आयोजित महिला सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता क्षेत्रीय विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह शामिल हुए जिन्होंने लोधी समाज की महिलाओं को उत्कृष्ट कार्य के लिए शील्ड एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया क्षेत्रीय विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को जागृत करते हुए कहा की महिला सशक्तिकरण की दिशा में हम सब मातृशक्ति आगे बढ़कर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बने और महिलाओं को संकल्प लेना चाहिए कि हम भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों को रोककर जागरूक बने बच्चियों को जन्म लेने दें यह हम सब की जिम्मेदारी है हमारी केंद्र और राज्य सरकार ने बेटियों के जन्म से लेकर विवाह तक की योजनाएं बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर और विकास की दिशा से जोड़ने का काम किया है उन्होंने कहा कि जब मातृशक्ति पृथ्वी पर जन्म लेगी तो देवता जन्म लेते हैं और जहां बेटियां होती हैं वह सुख और समृद्धि शांति और सद्भावना एवं बेटियों का सम्मान मिलता है हमारा परिवार आज बेटियों के सम्मान में अपना बराबर अधिकार के साथ केंद्र राज्य सरकार की योजनाओं को लेकर खड़ी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ भ्रूण हत्या रोको इसके लिए महिलाओं को स्वयं जागृत बनना पड़ेगा तब हमारे समाज से यह कृति दूर होगी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कुमारी पांडे ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रतिवर्ष, ८ मार्च को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए, महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, 8 मार्च 1914 को दर्शाता हुआ एक जर्मन पोस्टर;हिन्दी अनुवाद: “हम महिलाओं को मताधिकार दो। महिला दिवस, 8 मार्च 1914। अब तक, भेदभाव और प्रतिक्रियावादी नज़रिए ने उन महिलाओं को पूर्ण नागरिक अधिकार से वंचित रखा है, जिन्होंने श्रमिकों, माताओं और नागरिकों की भूमिका पूरी निष्ठा से अपने कर्त्तव्य का पालन किया है एवं जिन्हें नगर पालिका के साथ-साथ राज्य के प्रति भी करों का भुगतान करना होता है। इस प्राकृतिक मानवाधिकार के लिए हर औरत को दृढ़ एवं अटूट इरादे के साथ लड़ना चाहिए। इस लड़ाई में किसी भी प्रकार के ठहराव या विश्राम करने की नागरिक जागरूकता दिवस महिला एवं लड़कियों का दिवस लिंगवाद-विरोध दिवस अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित राजनीतिक और मानव अधिकार विषयवस्तु के साथ महिलाओं के राजनीतिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए मनाया जाता हैं। कुछ लोग बैंगनी रंग के रिबन पहनकर इस दिन का जश्न मनाते हैं। सबसे पहला दिवस, न्यूयॉर्क नगर में 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था। 1917 में सोवियत संघ ने इस दिन को एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया, और यह आसपास के अन्य देशों मे, बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के आत्म सम्मान और महिला सशक्तिकरण की मजबूती के लिए भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में महिलाओं को पूर्ण रूप से सुरक्षा प्रदान करने के लिए अनेक योजनाएं चलाई गई भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर विकास की दिशा से जोड़ने के लिए योजनाओं को धरातल पर उतारा है महिलाएं हर क्षेत्र में आगे राजनीतिक प्रशासनिक अधिकारी और धार्मिक तथा ओलंपिक क्षेत्र में भी हमारी मातृशक्ति ने नाम रोशन किया है यह महिलाओं का अधिकार है यही हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने लोकसभा का विशेष सत्र बुलाकर महिलाओं को 33% आरक्षण का, का बिल पास करते हुए नारी शक्ति अधिनियम बनाकर लोकसभा विधानसभा नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत में चुनाव लड़ने का अधिकार दिया है। भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य कुमारी पांडे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की सरकार महिलाओं की दिशा बदलने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की है उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार महिलाओं की दिशा में महत्वपूर्ण योजनाओं को संचालित कर रही है उन्होंने कहा की लाडली बहना योजना के साथ सबका साथ सबका विकास, इस मूल मंत्र का संकल्प लेकर हमारी सरकार काम कर रही हैं धार्मिक क्षेत्र में महिलाओं ने अपना नाम रोशन किया जिसमें उमा भारती ऋतंभरा जया किशोरी जी जैसी मातृशक्ति ने श्रीमद् भागवत कथा की व्यास गद्दी पर बैठकर हमारे सनातन धर्म को आगे बढ़ने का काम किया है हम राजनीतिक क्षेत्र की बात करें तो महिलाओं ने दमदारी के साथ अपना नेतृत्व प्रदान कर रही इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित राजनीतिक और मानव अधिकार विषयवस्तु के साथ महिलाओं के राजनीतिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए मनाया जाता हैं। कुछ लोग बैंगनी रंग के रिबन पहनकर इस दिन का जश्न मनाते हैं। सबसे पहला दिवस,न्यूयॉर्क नगर में 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था। 1917 में सोवियत संघ ने इस दिन को एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया, और यह आसपास के अन्य देशों में फैल गया। इसे अब कई पूर्वी देशों में भी मनाया जाता है।अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर, यह दिवस सबसे पहले २८ फ़रवरी १९०९ को मनाया गया। इसके बाद यह फरवरी के आखिरी इतवार के दिन मनाया जाने लगा। १९१० में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया। उस समय इसका प्रमुख ध्येय महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलवाना था, क्योंकि उस समय अधिकतर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।1917 में रूस की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऐतिहासिक थी। ज़ार ने सत्ता छोड़ी, अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया। उस समय रूस में जुलियन कैलेंडर चलता था और बाकी दुनिया में ग्रेगेरियन कैलेंडर। इन दोनों की तारीखों में कुछ अन्तर है। जुलियन कैलेंडर के मुताबिक 1917 फरवरी का आखिरी इतवार २३ फ़रवरी को था जब की ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार उस दिन ८ मार्च थी। इस समय पूरी दुनिया में (यहां तक रूस में भी) ग्रेगेरियन कैलैंडर चलता है। महिला दिवस पर इन महिलाओं का किया गया सम्मान- राष्ट्रीय महिला दिवस पर क्षेत्रीय विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने एमजीएस महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर सुधा नरवरिया, कमला नरवरिया गिरजा नरवरिया, सुमित्रा नरवरिया सुशीला नरवरिया हेमलता नरवरिया किरण नरवरिया प्रतिमा नरवरिया को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर गुरुदेव नरवरिया रविंद्र नरवरिया एडवोकेट, एडवोकेट नरोत्तम सिंह नरवरिया में शामिल

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