1500 वां जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर हजारीबाग में निकाली गई जुलूसए मोहम्मदी

1500 वां जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर हजारीबाग शहर में शुक्रवार को तंजीम उल्मा -ए- अहले सुन्नत एजुकेशनल एंड वेलफेयर
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2025-09-06 20:27:30

हजारीबाग। 1500 वां जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर हजारीबाग शहर में शुक्रवार को तंजीम उल्मा -ए- अहले सुन्नत एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के तत्वाधान मे जुलूस -ए- मोहम्मदी का आयोजन किया गया। जिसमें हजारीबाग शहर और आसपास के गांव मोहल्ले से तकरीबन 130 जुलूस शामिल हुए। तंजीम उल्मा -ए- अहले सुन्नत एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के तत्वाधान में निकली जुलूस -ए- मोहम्मदी बहुत ही शान व शौकत के साथ नबी की अजमतों का बयान और नाते रसूल गुनगुनाते हुए अकीदत और एहतराम के साथ चलती रही। जुलूस में शामिल सभी लोग इस्लामी लिबास, उमामा शरीफ और हाथों में इस्लामी परचम लेकर शामिल हुए, और पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के प्रति अपनी अकीदत और मोहब्बत का सबूत पेश किया। तंजीम के द्वारा जुलूस -ए- मोहम्मदी का भव्य रूप से स्वागत किया गया। इस अवसर पर तंजीम के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों के द्वारा लगाए गए शिविर के माध्यम से जुलूस ए मोहम्मदी का भव्य स्वागत किया गया और जुलूस ए मोहम्मदी में शामिल लोगों के लिए पानी, शरबत, कोल्ड ड्रिंक, लंगर आदि का व्यवस्था किया गया।जुलूस ए मोहम्मदी के दौरान पूरा शहर सरकार की आमद मरहबा, हुजूर की आमद मरहबा, पुरनूर की आमद मरहबा और नारे तकबीर, नारे रिसालत के नारों से गूंजायमान हो उठा। नबी की अजमतों का बयान फरमाते हुए तंजीम के सदर मुफ्ती महबूब आलम मिस्बाही ने कहा कि हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की तालिमात में भेदभाव नहीं था हमारे पैगंबर ने फ़रमाया है कि बेहतरीन इंसान वह है जो दूसरों को फायदा पहुंचाए। उन्होंने ज़ुल्म और बरबरियत के खिलाफ लड़ाई लड़ी। समाज में औरतों को ऊंचा मुकाम अता फ़रमाया। बताया कि इस्लाम से पहले दौर -ए- ज़हालत में बेटी पैदा होने पर उन्हें जिंदा जमीन में दफन कर दिया जाता था हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बेटियों को हक और अधिकार के साथ जीने का मरतबा अता किया। जुलूस ए मोहम्मदी के दौरान उल्मा -ए- अहले सुन्नत ने नबी की अजमतों का बयान फरमाते हुए कहा कि पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम सारी दुनिया के लिए रहमत बनकर तशरीफ लाए। पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने औरतों को ऊंचा मुकाम अता फ़रमाया और असहाय और मज़लूम लोगों के सहारा बने। हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम दुनिया में इंसानियत के मसीहा के तौर पर तशरीफ लाए। उन्होंने इंसानियत और भाईचारे के पैगाम को सारी दुनिया में आम किया।

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