हमारी सेनाओं को आधुनिक हथियारों के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ा ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम मोदी

लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के सवालों पर पलटवार किया
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2025-07-29 22:53:36

लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के सवालों पर पलटवार किया। पीएम मोदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ बीते दशक में भारत की सेना के सशक्तिकरण का एक साक्षात प्रमाण है। कांग्रेस के शासन के दौरान सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के बारे में सोचा तक नहीं जाता था। आज भी आत्मनिर्भर शब्द का मजाक उड़ाया गया। हर रक्षा सौदे में कांग्रेस अपने मौके खोजती रहती है। छोटे-छोटे हथियारों के लिए विदेशों पर निर्भरता यह इनका कार्यकाल रहा है। बुलेटप्रूफ जैकेट और नाइट विजन कैमरा तक नहीं होते थे। ये लिस्ट भी बहुत लंबी है। बोफोर्स और हेलिकॉप्टर हर चीज के साथ घोटाला जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, “हमारी सेनाओं को आधुनिक हथियारों के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ा।” प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “शास्त्रों में कहा गया है कि जब राष्ट्र शस्त्र से सुरक्षित होते हैं तो तभी वहां शास्त्र और ज्ञान की चर्चाएं जन्म ले पाती हैं। जब सीमा पर सेनाएं मजबूत होती हैं, तभी लोकतंत्र प्रखर होता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ बीते दशक में भारत की सेना के सशक्तिकरण का एक साक्षात प्रमाण है। उन्होंने कहा, “इतिहास गवाह है कि जब रक्षा के क्षेत्र में भारत की आवाज सुनाई देती थी। जब तलवारों से युद्ध लड़ा जाता था, तब भी भारत में बनी तलवारें श्रेष्ठ मानी जाती थी। मगर, आजादी के बाद रक्षा क्षेत्र में हमारे दायरे को सोच समझकर तबाह कर दिया गया। रक्षा क्षेत्र को दुर्बल किया गया। रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग के लिए रास्ते बंद कर दिए गए। अगर इसी नीति पर हम चलते तो भारत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में सोच भी नहीं सकता था। उन्होंने ये हाल करके रखा था। भारत को सोचना पड़ता कि अगर कोई एक्शन लेना है तो शस्त्र कहां से मिलेंगे, इसकी टेंशन होती। बीते एक दशक में मेक इन इंडिया हथियार सेना को मिले और उन्होंने इस ऑपरेशन में बहुत निर्णायक भूमिका निभाई।” पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा, “एक दशक पहले भारत के लोगों ने संकल्प लिया कि हमारा देश सशक्त, आत्मनिर्भर और आधुनिक राष्ट्र बने। रक्षा, सुरक्षा समेत हर क्षेत्र में बदलाव के लिए ठोस कदम उठाए गए। देश में सेना के अंदर जो बदलाव हुए, वो आजादी के बाद पहली बार हुए हैं। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति का विचार कोई नया नहीं था। दुनिया में इस पर प्रयोग चलते हैं, लेकिन भारत में निर्णय नहीं होते। मगर, हमने ऐसा करके दिखाया और मैं तीनों सेनाओं का अभिनंनदन करता हूं, जिन्होंने यह स्वीकार किया

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