पीएम मोदी ने लाल किले से दी चेतावनी, कहा दुश्मन ने कोशिश की तो मिलेगा मुंहतोड़ जवाब

आज 15 अगस्त को 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए
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2025-08-15 22:03:27

आज 15 अगस्त को 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वीर सैनिकों को सलाम किया। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से भी परे सजा दी है। सेना ने सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती पर घुसकर आतंकी अड्डों को खत्म कर दिया और इमारतों को खंडहर में बदल दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आए आतंकियों ने निर्दोष लोगों का कत्लेआम किया था। धर्म पूछकर लोगों की हत्या की गई, पति को पत्नी के सामने और पिता को बच्चों के सामने गोली मार दी गई। इस घटना से पूरा देश आक्रोशित था और दुनिया भी हैरान रह गई थी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इसी आक्रोश का परिणाम था। पीएम मोदी ने कहा कि 22 अप्रैल के बाद सेना को पूरी छूट दी गई थी कि रणनीति, लक्ष्य और समय खुद तय करें। इसके बाद सेना ने ऐसा ऑपरेशन किया, जो दशकों में कभी नहीं हुआ। पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि वहां से रोज नई-नई जानकारियां आ रही हैं और वहां की नींद अभी भी उड़ी हुई है। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेल सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद, आतंकियों को पनाह देने वालों और उन्हें समर्थन देने वालों में कोई अंतर नहीं है। ये सभी मानवता के दुश्मन हैं और भारत ने ‘न्यू नॉर्मल’ स्थापित किया है, जिसमें आतंक का जवाब सख्ती से दिया जाएगा। लाल किले से पीएम मोदी ने साफ चेतावनी दी कि अगर दुश्मन ने आगे भी कोशिश की, तो सेना अपनी शर्तों, तय समय और अपने तरीके से कार्रवाई करेगी और मुंहतोड़ जवाब देगी। उन्होंने कहा कि भारत ने तय किया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। सिंधु जल समझौते को उन्होंने एकतरफा और अन्यायपूर्ण बताया, जिससे सात दशकों से देश के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत से निकलने वाली नदियों का पानी सिर्फ भारत के किसानों का हक है। प्रधानमंत्री ने ‘मेड इन इंडिया’ अभियान की भी प्रशंसा की और बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत में बने हथियारों ने दुश्मन को पल भर में नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर भारत आत्मनिर्भर न होता, तो इतनी तेज और सफल कार्रवाई संभव नहीं थी। पिछले 10 वर्षों से देश रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में काम कर रहा है और आज इसकी ताकत सेना के हाथ में है।

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