2025-07-24 15:46:51
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने पालना योजना के तहत देशभर में 14,599 आंगनवाड़ी-कम-क्रेच (AWCCs) की स्थापना को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय महिलाओं को पूर्ण दिवस बाल देखभाल सहायता उपलब्ध कराने और बच्चों के लिए सुरक्षित, पोषणयुक्त तथा विकासोन्मुख वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। यह जानकारी राज्यसभा में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर ने दी। पालना योजना को 1 अप्रैल 2022 से मिशन शक्ति के तहत लागू किया गया है। इसका उद्देश्य 6 महीने से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण डे-केयर सुविधा, पोषण, स्वास्थ्य देखभाल, संज्ञानात्मक विकास, वृद्धि निगरानी और टीकाकरण जैसे समग्र सेवाएं उपलब्ध कराना है। योजना का लाभ सभी माताओं को मिलेगा, चाहे वे कार्यरत हों या नहीं। गौरतलब है कि महिलाओं की शिक्षा, कौशल और रोजगार को लेकर सरकार की पहलों से आज अधिक महिलाएं कार्यरत हैं। वहीं, औद्योगीकरण, शहरीकरण और न्यूक्लियर परिवारों की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी अब पहले की तरह संयुक्त परिवारों पर नहीं रह गई है। इसके चलते कामकाजी महिलाओं को बच्चों की देखभाल में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और डे-केयर सेवाओं की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक हो गई है। पालना योजना इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विकसित की गई है ताकि महिलाएं बिना चिंता के रोजगार के अवसरों का लाभ उठा सकें। महिला श्रम बल भागीदारी को मिलेगा बढ़ावा आंगनवाड़ी केंद्र पहले से ही दुनिया के सबसे बड़े बाल देखभाल संस्थान हैं, जो बच्चों को पोषण और शिक्षा की सेवाएं प्रदान करते हैं। अब मंत्रालय ने पहली बार इन केंद्रों को क्रेच सेवाओं के साथ जोड़ते हुए आंगनवाड़ी-कम-क्रेच (AWCC) के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है, ताकि बच्चों को पूरे दिन के लिए देखभाल मिल सके। यह पहल महिला श्रम बल भागीदारी को बढ़ाने में सहायक होगी और सतत विकास लक्ष्य यानी “सभी के लिए सम्मानजनक कार्य और आर्थिक वृद्धि” को साकार करने की दिशा में भी अहम कदम है। वित्त वर्ष 2025-26 तक मंत्रालय ने कुल 17,000 आंगनवाड़ी-कम-क्रेच स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं और कार्यक्रम अनुमोदन बोर्ड (PAB) की बैठकों में राज्यों को अधिक से अधिक प्रस्ताव भेजने को प्रोत्साहित किया जा रहा है।