2025-07-29 22:33:04
केंद्र सरकार की “प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)” के तहत अब तक कुल 21,274.16 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से 9,189.79 करोड़ रुपये की राशि केंद्र सरकार ने उपलब्ध कराई है। यह जानकारी मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने आज मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि ये मंजूरी, वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की अवधि में दी गई और इन परियोजनाओं का उद्देश्य देशभर में मत्स्य क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित करना है। गौरतलब है कि केंद्र और राज्य संयुक्त रूप से इस योजना के लिए सहायता राशि प्रदान करतीं हैं, इसके तहत सामान्य राज्यों में केंद्र और राज्य की सहायता राशि का अनुपात क्रमश: 60:40 है। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में यह अनुपात 90:10 का है, जबकि केंद्र शासित राज्यों में केंद्र सरकार इस योजना के लिए पूरी सहायता राशि प्रदान करती है। केंद्र ने 11 राज्यों के लिए 11 इंटीग्रेटेड एक्वापार्क की दी मंजूरी इसके अलावा केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत 11 राज्यों में 11 इंटीग्रेटेड एक्वापार्क की स्थापना को भी मंजूरी दी है। इन एक्वापार्क की कुल लागत 682.60 करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र सरकार की सहायता राशि 459.17 करोड़ रुपये है। इन एक्वापार्क्स का उद्देश्य मछली पालन की पूरी मूल्य शृंखला को मजबूत करना है-जैसे बीज उत्पादन, चारा निर्माण, कोल्ड स्टोरेज, मत्स्य प्रसंस्करण, और बाजार तक पहुंच बढ़ाना। इस पहल से मत्स्य उत्पादकों को लाभ होगा और ब्लू इकोनॉमी को भी गति मिलेगी। वहीं राज्यवार अनुमोदित परियोजनाओं पर नजर डालें तो आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और ओडिशा जैसे प्रमुख राज्यों में सबसे अधिक निवेश स्वीकृत किए गए हैं। आंध्र प्रदेश को 2,40,552.67 लाख रुपये की परियोजनाओं के लिए 56,331.08 लाख रुपये की केंद्रीय सहायता मिली है, जबकि केरल को 1,34,755.43 लाख रुपये की लागत वाली परियोजना के लिए केंद्र से 57,743.01 लाख रुपये की सहायता मिली। इसके अलावा, हरियाणा, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर राज्यों को भी एक्वापार्क के लिए में विशेष सहायता दी गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में मत्स्य पालन क्षेत्र को संगठित, आधुनिक और टिकाऊ बनाना है ताकि किसानों को लाभ हो, उत्पादन बढ़े, पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान कम हो और निर्यात को बढ़ावा मिले। “प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना” भारत की ‘ब्लू इकोनॉमी’ को गति देने की दिशा में एक प्रभावशाली पहल बनकर उभरी है