2025-08-07 19:08:59
हरियाणा सरकार ने स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए वर्ष 2026-27 तक प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (PMSG: MBY) के तहत 2.2 लाख रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही राज्य ने घोषणा की है कि 31 दिसंबर तक सभी सरकारी भवनों को सौर ऊर्जा से लैस कर दिया जाएगा। अब तक राज्य के 4,523 सरकारी भवनों का सर्वे किया जा चुका है, जिनमें 122 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता पहचानी गई है। इस योजना की समीक्षा आज गुरुवार को हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में की गई। बैठक में अधिकारियों ने योजना की प्रगति और तेजी से क्रियान्वयन के लिए रणनीति प्रस्तुत की। मुख्य सचिव ने कहा कि “हरियाणा सिर्फ सौर ऊर्जा को बढ़ावा नहीं दे रहा, बल्कि इसे हर घर तक पहुंचाने की दिशा में काम कर रहा है।” सरकार ने सौर ऊर्जा को किफायती बनाने के लिए दोहरी सब्सिडी की व्यवस्था की है-एक केंद्रीय वित्तीय सहायता जो स्थापना स्वीकृति के 15 दिनों के भीतर सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में ट्रांसफर होती है, और दूसरी राज्य की ओर से 1 लाख अंत्योदय परिवारों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दी जाएगी। अब तक राज्य में 30,631 रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए जा चुके हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) ए.के. सिंह ने जानकारी दी कि राज्य की बिजली वितरण कंपनियां (DISCOMs) सोलर इंस्टॉलेशन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाओं पर काम कर रही हैं। राज्य सरकार मध्यम वर्ग और सेवा वर्ग को भी इस योजना में शामिल करने के लिए संयुक्त प्रोत्साहन प्रदान कर रही है, जिससे उनके लिए भी सोलर सिस्टम लगवाना किफायती हो सके। इसके अलावा हरियाणा सरकार ने “मॉडल सोलर विलेज (MSV)” योजना की भी शुरुआत की है, जिसके तहत हर जिले के एक गांव को पूरी तरह सौर ऊर्जा आधारित आत्मनिर्भर गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। 5,000 से अधिक आबादी वाले गांवों को इस योजना के तहत 1 करोड़ रुपये तक की केंद्रीय सहायता दी जा सकती है। गौरतलब है कि कैथल जिले का बालू गांव राज्य का पहला मॉडल सोलर गांव बन चुका है, जबकि करनाल और कुरुक्षेत्र जिलों में चयन की प्रक्रिया जारी है। इन गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट, घरेलू रोशनी, जल आपूर्ति और पंप जैसी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। योजना के सुचारु संचालन के लिए राज्य की DISCOMs ने एक एकीकृत ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है और 280 से अधिक सबडिवीजन स्तर पर हेल्पडेस्क भी स्थापित किए हैं। इसके साथ ही, 703 DISCOM अधिकारियों और वेंडरों को NPTI और NIESBUD संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा चुका है। यह व्यापक पहल हरियाणा को देश के अग्रणी सौर ऊर्जा राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है