2024-01-20 16:39:06
सीतापुर।सीएचसी बिसवां में जिस तरह से सरकारी चिकित्सक प्राइवेट क्लीनिक चलाकर कार्य कर रहे हैं,अपने आप में यह सिद्ध कर रहा है की यहां तैनात अधीक्षक और अन्य चिकित्साधिकारी शासन के नियमों के प्रति कितना संजीदा हैं। यहां तो अनजाने में नहीं जानबूझकर सब गड़बड़ किया जा रहा है। सीएचसी बिसवां पर खुलेआम धड़ल्ले से शासनादेशों की नाफरमानी हो रही है और उसके बावजूद भी कार्यवाही शून्य है,आखिर क्यों?बताते चलें कि हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में यह स्पष्ट हो गया कि सीएचसी बिसवा में सरकारी चिकित्सक अपने दायित्व का निर्वहन किस तरीके से कर रहे हैं।बताते चलें कि यहां पर वायरल वीडियो में देखा गया कि तैनात चिकित्सक अपनी प्राइवेट क्लीनिक का संचालन अपने आवासों पर कर रहे हैं,
और यही नहीं यहां पर आने वाले मरीजों से दवाओं में कमीशन खोरी हो रही है तो वहीं रक्त संबंध जांचों का पर्चा अलग से थमाया जाता है चर्चा हो रही है कुछ प्रतिशत भी चिकित्सकों के पास दवाओं और रक्त जांच जाता है,क्या यह सही है? फिलहाल इस सच को क्या नकारा भी जा सकता है अगर सरकारी डॉक्टर की प्राइवेट क्लीनिक सरकारी दिशा निर्देशों के विपरीत चल रही है तो क्या यह नहीं हो रहा होगा यह कहा जा सकता है और अगर प्राइवेट क्लीनिक चल रही है तो जाहिर सी बात है प्राइवेट क्लीनिक पर फीस लेकर दवा दी जा रही है और फीस के साथ-साथ दवाओं का पर्चा जिसके लिए मरीज आया है
वह भी लिखी जा रही है लेकिन सवाल यह उठता है की शासन के नियमों के विपरीत हो रहा है उसके बावजूद भी कार्यवाही में देरी क्यों सूबे के उपमुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों पर अधीक्षक अमित कपूर नजरें इनायत कब करेंगे,यह भी एक सवाल बन चुका है!क्या उनको नहीं पता कि इस तरह कैसे धड़ल्ले से बेखौफ होकर शासन के नियमों को तोड़ते हुए सरकारी डॉक्टर प्राइवेट क्लीनिक चला रहे हैं वह भी सीएचसी परिसर में फिलहाल यह कहना भी असंभव है। सीएचसी परिसर में सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट क्लीनिक चल रही हैं सीएचसी के बड़े को पता नहीं, क्या यह माना जा सकता है। फिलहाल मानना ही है तो सब माना जा सकता है। परंतु सीएचसी बिसवां में प्राइवेट क्लीनिक को लेकर और प्रशासन और विभागीय उच्चाधिकारियों की ओर से भी अभी तक कार्यवाही नहीं हुई जिसको लेकर भी जनमानस में चर्चाओं का माहौल है।
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भारतीय किसान यूनियन ने दिए आंदोलन के संकेत सीएचसी बिसवां में शासनादेशों की नाफरमानी करने वालों पर गिर सकती है गाज,चर्चा हुई आम
सीतापुर। तैनात सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट क्लीनिक सीएचसी बिसवां का मामला भारतीय किसान यूनियन के आंदोलन के संकेतों को लेकर तेजी से चर्चा तेज हो गई है तो इस पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यवाही न होने पर आंदोलन के जो संकेत दिए हैं ,एक बातचीत में किसान मोर्चा के ब्लाक अध्यक्ष सुशील राज ने बताया कि अधिकारियों की कार्यशैली कैसी है इसका इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिए गए प्रार्थना पत्रों पर विचार नहीं हुआ इस पर जल्द ही संगठन नई रणनीति तैयार करेगा जिन्हें लग रहा है की वह किसान मजदूरों से ठगी कर बच निकलेंगे वह सावधान रहें इस बार प्रार्थना पत्र पर विचार शीघ्र नहीं हुआ तो अब आंदोलन होगा।जिससे अब बातें होने लगी हैं
कि इस बार सीएचसी में बड़ा घटनाक्रम होने के संकेत दिखाई दे रहे हैं और इसका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिसवां में भ्रष्टाचारियों की नींदे उड़ गई हैं जो चर्चा का विषय और यह भी सुना जा रहा है, सरकारी चिकित्सकों की प्राइवेट प्रैक्टिस के वायरल वीडियो से शासन की किरकिरी हुई है,यहां पर आने वाला मजदूर किसान सरकारी चिकित्सकों की हाथ की कठपुतली बन गया है और उसका दोहन हो रहा है इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन ने वायरस समाचार पत्रों पर संज्ञान लेकर जो कार्य किया है उसकी आम जनमानस भारतीय किसान यूनियन के इस कार्य प्रशंसा कर रहा है।