2025-04-07 23:17:39
भारत ने अपने एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों को और ज्यादा ताकतवर और सुरक्षित बनाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत भारतीय वायु सेना के इन हेलीकॉप्टरों को आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), बेंगलुरु के साथ 2,385 करोड़ रुपये का समझौता किया है। इस करार के तहत हेलीकॉप्टरों में इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और एयरक्राफ्ट मॉडिफिकेशन किट लगाए जाएंगे। ये सिस्टम हेलीकॉप्टर को दुश्मन के खतरनाक इलाकों में भी सुरक्षित उड़ान भरने की क्षमता देंगे। यह तकनीक पूरी तरह से भारत में ही डिजाइन और विकसित की गई है। समझौते पर नई दिल्ली में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। खास बात यह है कि इस प्रोजेक्ट में ज्यादातर पुर्जे और उपकरण भारत में ही बनेंगे और इसमें छोटे-छोटे उद्योगों (एमएसएमई) की भी बड़ी भागीदारी होगी। यह योजना ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को मजबूती देती है। यह भारतीय वायुसेना के एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों की ताकत को बढ़ाने के साथ-साथ देश को रक्षा क्षेत्र में और अधिक आत्मनिर्भर बनाएगी। इससे पहले, रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ भी एक बड़ा समझौता किया था। इसके तहत 156 स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) ‘प्रचंड’ वायुसेना और थलसेना को दिए जाएंगे। इस अनुबंध की कुल कीमत करीब 62,700 करोड़ रुपये है। एलसीएच ‘प्रचंड’ भारत में डिजाइन और विकसित किया गया पहला लड़ाकू हेलीकॉप्टर है, जो 5,000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है और इसमें अधिकतर उपकरण देश में ही बनाए गए हैं।