विकसित भारत के लिए मजबूत कूटनीति और व्यापार साझेदारी जरूरी विदेश मंत्री जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को बिजनेस टुडे वुकानॉमिक्स 2025 में ‘डिप्लोमेसी इन द एज ऑफ डिसरप्शन’ विषय पर संबोधित किया
News

2025-03-23 13:22:01

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को बिजनेस टुडे वुकानॉमिक्स 2025 में ‘डिप्लोमेसी इन द एज ऑफ डिसरप्शन’ विषय पर संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे भारत की विदेश नीति आर्थिक विकास, व्यापार और राष्ट्रीय हितों को मजबूत कर रही है। जयशंकर ने कहा कि मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत की कूटनीति एक अहम भूमिका निभा रही है। भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जो एक साथ रूस-यूक्रेन, इजराइल-ईरान, लोकतांत्रिक पश्चिम और ग्लोबल साउथ, BRICS और QUAD के साथ संवाद कर सकता है। उन्होंने बताया कि भारत ने 40 से अधिक समूहों में भाग लिया है या उन्हें शुरू किया है, जो नवीकरणीय ऊर्जा, जैव ईंधन, आपदा प्रबंधन और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। विदेश मंत्री ने भारत की ऊर्जा कूटनीति पर जोर देते हुए कहा कि यूक्रेन संघर्ष के बाद भारत ने अपने ऊर्जा विकल्पों की रक्षा की। उन्होंने कहा, “हर देश ने अपने हितों के अनुसार फैसले लिए, और भारत ने भी वही किया।” जयशंकर ने यह भी बताया कि भारत अब नवीकरणीय ऊर्जा और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों को बढ़ावा दे रहा है, ताकि भविष्य में ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत विश्वसनीय सप्लाई चेन बनाने पर ध्यान दे रहा है। गल्फ क्षेत्र में भारत को आवश्यक वस्तुओं का भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता माना जाता है। उन्होंने बताया कि भारत ने हाल ही में लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और भूमध्य सागर में व्यापार सम्मेलनों का आयोजन किया, ताकि भारतीय व्यवसायों को नए बाजारों में अवसर मिल सके। जयशंकर ने एआई युग में डेटा सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “डेटा नए तेल की तरह है और डेटा सेंटर नए रिफाइनरी हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत की व्यापक तकनीकी क्षमताएं उसे वैश्विक स्तर पर प्रमुख स्थान दिला रही हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि भारतीय दूतावास अब व्यापारिक हितों को आगे बढ़ाने में अधिक सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वे स्थानीय सरकारों के साथ संपर्क कर भारतीय प्रतिभा को वैश्विक स्तर पर अवसर दिला रहे हैं। जयशंकर ने बताया कि भारत की IMEC कॉरिडोर, INSTC और त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना जैसी पहल व्यापार और परिवहन को आसान बनाएंगी। उन्होंने कहा कि भारत अब पर्यटन को केवल एक उद्योग के रूप में नहीं, बल्कि आर्थिक विकास का इंजन मानता है। देश की विदेश नीति पर भी लागू होती है ‘सबका साथ, सबका विकास’ : विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति भारत की विदेश नीति पर भी लागू होती है। उन्होंने कहा कि व्यापार, तकनीक, ऊर्जा या सुरक्षा- हर क्षेत्र में भारत अधिक से अधिक विकल्प खुले रखना चाहता है। उन्होंने बताया कि भारत इस समय यूरोपीय संघ, यूके और अमेरिका के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है और हाल ही में न्यूजीलैंड के साथ भी वार्ता शुरू की गई है। जयशंकर ने कहा कि भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने के लिए कूटनीति और व्यवसायों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा, “हमारी विदेश नीति का लक्ष्य है कि भारत वैश्विक स्तर पर मजबूत हो और व्यापार तथा निवेश के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य बने।”

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@anupamsandesh.com
Copyright© Anupam Sandesh
Powered by DiGital Companion