जम्मूकश्मीर में चार दिनों बाद खिली धूप, मौसम में सुधार से लोगों ने ली राहत की सांस

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन से मची तबाही के बाद गुरुवार की सुबह लोगों के लिए राहत भरी रही।
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2025-08-28 19:41:53

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन से मची तबाही के बाद गुरुवार की सुबह लोगों के लिए राहत भरी रही। करीब 5 दिन बाद जम्मू-कश्मीर के कुछ जिलों में मौसम में सुधार हुआ है। गुरुवार को धूप खिली, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मौसम अब पहले की तुलना में बेहतर है। जम्मू-कश्मीर में खराब मौसम की स्थिति में गुरुवार को सुधार हुआ है, अगले दो दिन के लिए रेड अलर्ट की जगह अब येलो अलर्ट जारी किया गया है केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “यहां आईएमडी (भारतीय मौसम विज्ञान विभाग) की एक आश्वस्त करने वाली रिपोर्ट है। जम्मू-कश्मीर में खराब मौसम की स्थिति में गुरुवार को सुधार हुआ है। अगले दो दिन के लिए रेड अलर्ट की जगह अब येलो अलर्ट जारी किया गया है।” पिछले तीन दिन में भारी बारिश के कारण जम्मू संभाग में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है उन्होंने आगे लिखा, “अगले दो दिन जम्मू, उधमपुर और डोडा के इलाकों में सिर्फ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा (24 घंटों की अवधि में 7 से 11 सेमी) होने की संभावना है। 29 अगस्त को पूरे जम्मू-कश्मीर में मौसम की स्थिति में और सुधार होगा।” पिछले तीन दिन में भारी बारिश के कारण जम्मू संभाग में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कटरा में श्री माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर बारिश के बीच भूस्खलन होने से 34 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 15 लोग घायल हुए। जम्मू रीजन में स्कूल-कॉलेज अभी भी बंद हैं, डोडा जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-244, जो कि किश्तवाड़ से डोडा को जोड़ता है, अभी भी यातायात के लिए बंद है जम्मू रीजन में स्कूल-कॉलेज अभी भी बंद हैं। डोडा जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-244, जो कि किश्तवाड़ से डोडा को जोड़ता है, अभी भी यातायात के लिए बंद है। कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, बडगाम और श्रीनगर जिलों में शैक्षणिक संस्थानों को एहतियात के तौर पर बुधवार को बंद रखा गया। इसके अलावा, कश्मीर विश्वविद्यालय ने भी गुरुवार को होने वाली सभी परीक्षाओं को स्थगित किया। पिछले दिनों भारी बारिश के कारण पूरे केंद्र शासित प्रदेश में बाढ़ जैसी स्थिति, झेलम और अन्य नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर यही नहीं, पिछले दिनों में भारी बारिश के कारण पूरे केंद्र शासित प्रदेश में बाढ़ जैसी स्थिति बनी। झेलम और अन्य नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। हालांकि, चार दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश के बाद क्षेत्र के बड़े हिस्से जलमग्न होने पर निचले इलाकों से हजारों लोगों को रेस्क्यू करके निकाला गया। कई टीमें अभी भी राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।

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