2025-04-22 20:14:01
हथीन /रोबिन माथुर : केंद्र सरकार द्वारा गत 25 मार्च को लोक सभा में पेंशन वित्त विधेयक पास किया है। जिस में 31 दिसम्बर 2025 तक के सेवानिर्वत्त कर्मचारियों को 8 वें वेतन आयोग का लाभ नहीं दिया जायेगा और वह न्यायालय में भी अपील नहीं कर पायेगा के विरोध स्वरूप रिटायर्ड कर्मचारियों के अखिल भारतीय राज्य सरकारी पेंशनर्स फैड्रेशन के आह्वान् पर पूरे राष्ट्र में जिला उपायुक्त स्तर पर विरोध प्रदर्शन की कड़ी में पलवल उपायुक्त कार्यालय पर जिला के सेंकड़ों सेवानिर्वत्त कर्मचारियों ने धरना देकर जोरदार प्रदर्शन किया और प्रधान मंत्री को उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन सौंपा।धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान बलजीत सिंह शास्त्री और जवाहर सिंह रावत ने संयुक्त रूप से की तथा संचालन सचिव हरी चंद वर्मा ने किया। धरने पर बैठे साथियों को दरयाव सिंह, मास्टर महेंद्र सिंह चौहान, सूरज सिंह जेलदार, राम आसरे यादव, गोविंद राम, अशोक तेवतिया, देवी सिंह बेचैन, उदय सिंह प्रधान, तारा चंद, रमेश चंद, रूप राम तेवतिया, धर्म चंद आदि नेताओं ने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने वित्त विधेयक के माध्यम से पेंशन नियमों में जो संशोधन किया है, उस के अनुसार पेंशन भोगियों को आठवें वेतन आयोग के लाभों से बाहर रखा गया है। जो निंदनीय है। यह बिल समानता के मूल सिद्धांतों और पेंशन भोगियों को दी गई संवैधानिक सुरक्षा को खतरे में डालता है। इतना ही नहीं यह बिल सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का भी खंडन करता है, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सिविल अपील संख्या 10857/ 2016 में अपने फैसले में स्पष्ट फैसला दिया है कि संशोधित पेंशन प्रदान करने के उद्देश्य से पेंशन भोगियों की दो श्रेणियां बनाने का कोई औचित्य नहीं है सभी पेंशन भोगी एक वर्ग है, जो पेंशन नियम के अनुसार पेंशन के हकदार हैं।ऐसा वर्गीकरण अनुचित मनमाना भेदभावपूर्ण और संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) का उल्लंघन है।उन्होंने आगे कहा कि 30 से 40 वर्ष तक अपनी सेवा सार्वजनिक सेवा में समर्पित करने वाले लाखों वरिष्ठ नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार कतई स्वीकार नहीं है।रिटायर्ड कर्मचारियों ने एक मत से प्रधान मंत्री से अपील करते हुए इस विधेयक को वापिस लेने का अनुरोध किया।