2025-09-06 19:14:31
भिण्ड। भारतीय जनता पार्टी के बने थे पूर्व नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री ओपीएस भदौरिया ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने जनजातीय समाज को सनातन धर्म से अलग बताकर समूचे जनजातीय समाज का अपमान किया है। वास्तव में जनजातीय समाज के लोग हिंदू धर्म में रचे-बसे हैं। भगवान महादेव के वंशज जनजातीय समाज के लोग उनके आराधक भी हैं। पूर्व मंत्री, भदौरिया ने कहा कि मैं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के छिंदवाड़ा में दिए गए बयान को सिरे से खारिज करता हूं,जिसमें उन्होंने कहा कि ‘गर्व से कहो हम आदिवासी हैं, हिंदू नहीं’। भारत के संविधान में भी आदिवासी समाज को हिंदू समाज का अभिन्न अंग माना गया है। 1951 की जनगणना में भी इसी परिधि में हमारे आदिवासी समुदाय को गिना गया है। पूर्व मंत्री भदौरिया ने कहा कि उमंग सिंघार ने अपने बयान से पूरे आदिवासी समाज को कलंकित किया है। सिंघार को अपने बयान को लेकर देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष श्री उमंग सिंघार का बयान तथ्यों और प्रमाणों रहित तथा अज्ञानता पर आधारित है। वास्तव में जनजातीय समाज हिंदू धर्म में रचा-बसा है। जनजातीय समाज के लोग भगवान महादेव के वंशज,पूजक और आराधक रहे हैं। अधिकांश गोंड राजाओं के किलों में मां काली और भगवान महादेव के मंदिर आज भी मिलते हैं। पूर्व मंत्री भदौरिया ने श्री रामचरितमानस का उदाहरण देते हुए कहा भगवान राम ने जनजातीय समाज की माता शबरी के झूठे बेर खाकर उन्हें सम्मानित किया था, तो महाभारत काल में कुंती पुत्र भीम ने जनजातीय समाज की बहन हिडिंबा से विवाह किया। उनके पुत्र घटोत्कच हुए और उनके बर्बरीक की खाटू श्याम जी के रूप में पूजा-अर्चना की जाती है। रानी दुर्गावती हों या भगवान बिरसा मुंडा,जनजातीय योद्धाओं ने मुगलकाल और अंग्रेजों के समय में सनातन मूल्यों और संस्कृति की रक्षा में अमूल्य योगदान दिया है। ऋग्वेद ने जिन पांच तत्वों और प्रकृति की आराधना की बात कही गई है, हमारा जनजातीय समाज भी प्रकृति की पूजा करता है। श्री उइके ने कहा कि हमारे जनजातीय समाज के सभी भाई-बहन सभी प्रकार के हिंदू पर्व होली, दीपावली, रक्षाबंधन आदि सभी पर्वों को अत्यंत धूमधाम के साथ मनाते हैं। उन्होंने कहा कि मैं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार से यह कहना चाहता हूं कि वे जनजातीय समाज के बारे में कुछ भी कहने से पहले समाज के गौरवशाली इतिहास का अध्ययन और मंथन करें, बाद में बयान दें। पूर्व मंत्री भदौरिया ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बयान को तथ्यहीन बताया है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में आदिवासी समाज को हिंदू समाज का अभिन्न अंग माना गया है। आदिवासी समाज पेड़, नदी, जल, पहाड़ों को पूजने के साथ-साथ हिंदू समाज के सभी त्योहारों दशहरा, दीपावली, होली, रक्षाबंधन आदि को मनाता है। आदिवासी समाज हिंदू समाज का अभिन्न अंग है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भ्रम फैलाने के साथ आदिवासी समाज को बरगलाने का काम कर रहे हैं, लेकिन आदिवासी समाज कांग्रेस को अच्छी तरह से जानता है। हम समस्त आदिवासी जन सनातन धर्म को मानते हैं। हिंदू समाज की जीवन पद्धति का मूल स्वरूप हममें व्याप्त है। हम इस देश के मूल निवासी हैं और हिंदू समाज के अभिन्न अंग हैं। उमंग सिंघार वोट बैंक की राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन समूचा आदिवासी समाज वोट बैंक की राजनीति करने वाली कांग्रेस को इसका करारा जवाब देगा। देश और प्रदेश के सभी आदिवासी भाईयों के साथ-साथ मैं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बयान को पूरी तरह खारिज करता हूं। मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अपने बयान से पूरे जनजातीय समाज को धार्मिक रूप से बदनाम किया है। आदिवासी समाज सनातन संस्कृति को मानने वाला हिंदू धर्म का अभिन्न अंग है। सभी जनजातीय लोग प्रकृति, पीपल, तुलसी की पूजा के साथ हनुमान जी की पूजा करते हैं। पूरा आदिवासी समाज देवी देवताओं की आराधना करता है। उमंग सिंघार ने घटिया राजनीति करके हमारे आदिवासी समाज के भाइयों और बहनों को धार्मिक रूप से बदनाम करने की कोशिश की है। सिंघार की भाषा समाज को भ्रमित करने वाली है। जनजातीय समाज सिंघार के भ्रमित करने वाले बयान के लिए माफ नहीं करेगा। पूर्व मंत्री भदौरिया ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार के घटिया बयान से स्पष्ट होता है कि कांग्रेस आदिवासी एवं जनजाति विरोधी है।