2025-07-24 15:26:56
देश की समुद्री ताकत को बढ़ाने और वैश्विक समुद्री महाशक्ति बनाने के उद्देश्य से नई दिल्ली में आज गुरुवार से ‘भारत की समुद्री दृष्टि’ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक की शुरू होने जा रही है। यह कार्यक्रम सेंटर फॉर जॉइंट वॉरफेयर स्टडीज (CENJOWS) आयोजित कर रही है, जो भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त थिंक टैंक संस्था है। इसके साथ ही इसमें संस्कृति मंत्रालय के तहत मौलाना अबुल कलाम आजाद एशियाई अध्ययन संस्थान का सहयोग भी शामिल है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत की समुद्री विरासत को समझना, वर्तमान समुद्री चुनौतियों पर चर्चा करना और भविष्य की रणनीतियां तय करना है। वहीं बैठक में देश की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और संस्कृति तीनों के विकास के लिए समुद्री क्षेत्र को मजबूत करना चर्चा के अहम विषय हैं। इस कार्यक्रम में नौसेना और तटरक्षक बल के वरिष्ठ अधिकारी, विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर, समुद्री मामलों के विशेषज्ञ, पोर्ट और शिपिंग इंडस्ट्री के प्रतिनिधि, रणनीतिक और नीति संस्थानों के लोग, और सांस्कृतिक इतिहासकार भाग लेंगे। इसके साथ ही बैठक में समुद्री सुरक्षा, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की भूमिका, बंदरगाहों और समुद्री व्यापार का विकास, ‘ब्लू इकॉनमी’ यानी समुद्री संसाधनों का उपयोग और तटीय क्षेत्रों के विकास जैसे मुद्दों पर भी जोर दिया जाएगा। यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। इसका मकसद आजादी के 100 साल पूरे होने तक भारत एक मजबूत और आत्मनिर्भर समुद्री राष्ट्र बना सके। इसमें सेना, नीति-निर्माताओं, शिक्षाविदों और संस्कृति के क्षेत्र के लोगों की साझा भागीदारी को बेहद अहम माना जा रहा है