, पीएससी के 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन में बोले उपराष्ट्रपति धनखड़

जगदीप धनखड़ ने कहा कि मानव जाति जिस जलवायु परिवर्तन का सामना कर रही है, उससे कहीं अधिक खतरनाक राजनीतिक विभाजनकारी राजनीतिक माहौल है और संस्थाओं का कमजोर होना संपूर्ण राष्ट्र का नुकसान है।
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2025-01-11 18:40:00

कर्नाटका : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को शासन की अखंडता की रक्षा में स्वतंत्र संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और जोर दिया कि देश की प्रगति विखंडन पर काबू पाने और सभी क्षेत्रों में एकता को बढ़ावा देने पर निर्भर करती है। बेंगलुरु में सभी राज्य लोक सेवा आयोगों (पीएससी) के अध्यक्षों के 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए धनखड़ ने कहा कि मानव जाति जिस जलवायु परिवर्तन का सामना कर रही है, उससे कहीं अधिक खतरनाक राजनीतिक विभाजनकारी राजनीतिक माहौल है और संस्थाओं का कमजोर होना संपूर्ण राष्ट्र का नुकसान है। उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि देश बहस कर रहा है, और बहस चुनाव के संबंध में कुछ सकारात्मक दिखाएगी। लेकिन, मेरा जोर इस बात पर रहेगा कि हमें दलगत हितों से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला कि लोक सेवा आयोग (पीएससी) प्रभावी और पारदर्शी बने रहें और सार्वजनिक सेवा प्रक्रियाओं में सुधार के लिए तकनीकी प्रगति का उपयोग करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने राजनीतिक संवाद और विचार-विमर्श को बढ़ाने का आह्वान किया और कहा कि शासन की सीटों पर बैठे सभी लोगों को, सभी स्तरों पर, संवाद बढ़ाना चाहिए, सर्वसम्मति में विश्वास करना चाहिए और विचार-विमर्श के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। हम एक ऐसा देश हैं जहां विभिन्न विचारधाराओं का शासन होना तय है। क्यों नहीं? यह हमारे समाज में प्रकट होने वाली समावेशिता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि राजनीति ध्रुवीकृत है, अत्यधिक विभाजनकारी है और कोई संचार चैनल काम नहीं कर रहा है। तो इसका राष्ट्रीय शासन पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।

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