प्ले क्यों..? – एक संवेदनशील हिंदी नाटक ने छू लिया दर्शकों का दिल

यह नाटक एक ऐसे दंपति की कहानी कहता है जो 25 वर्षों के वैवाहिक जीवन के बाद एक गहरे मोड़ पर खड़ा होता है
News

2025-08-08 17:35:53

नाटक के बारे में: प्ले क्यों..? — एक भावनात्मक रूप से सशक्त हिंदी नाटक है, जिसे हाल ही में नई दिल्ली के प्रतिष्ठित LTG ऑडिटोरियम में मंचित किया गया। नाटक को दर्शकों से भरपूर सराहना और स्टैंडिंग ओवेशन प्राप्त हुआ। लेखन व निर्देशन: सुरेन्द्र सागर क्रिएटिव डायरेक्शन: शिखा मल्होत्रा एवं अतुल ढींगरा, जिन्होंने सुनंदा और आनंद की प्रमुख भूमिकाएं भी निभाईं। इनकी गहराई भरी परफॉर्मेंस और भावनात्मक प्रस्तुति ने नाटक को एक अनुभव में बदल दिया। --- संक्षिप्त सार: यह नाटक एक ऐसे दंपति की कहानी कहता है जो 25 वर्षों के वैवाहिक जीवन के बाद एक गहरे मोड़ पर खड़ा होता है। पति की लत और लापरवाही के कारण व्यापार में बड़ा घाटा होता है, और पत्नी को न सिर्फ आर्थिक बल्कि मानसिक रूप से भी घर को संभालना पड़ता है। यह नाटक रिश्तों में मौजूद उन अनकहे संघर्षों और चुपचाप सहने की आदत को उजागर करता है, जो आमतौर पर पर्दे के पीछे रह जाते हैं। --- मुख्य कलाकार: शिखा मल्होत्रा – सुनंदा अतुल ढींगरा – आनंद --- तकनीकी सहयोग: लाइव संगीत: विश्णु एवं कार्तिक लाईट डिज़ाइन: सौरभ व सूर्या --- विशेष आभार: रिज़वान raza सर की गरिमामयी उपस्थिति और प्रेरणादायक शब्दों ने पूरे दल का उत्साह बढ़ाया। वरिष्ठ कलाकारों गिन्नी बब्बर, शिवानी राय, सैफ अंसारी व मोहित राज का निरंतर स्नेह और समर्थन इस नाटक की आत्मा बने। विशेष धन्यवाद मोहित राज, मनीष भाई और सिंपी को, जो हर प्रस्तुति में हमारे साथ खड़े रहते हैं और प्रेरणा देते हैं। संजना बुक्स प्रकाशन एवं अरविंद गौड़ सर का सदा आशीर्वाद और कला-संस्कृति के लिए उनका समर्पण हमारे रचनात्मक सफर को दिशा देता है। --- अंत में: प्ले क्यों..? एक भावनात्मक आईना है — जो रिश्तों की चुप पीड़ा, अनकही उम्मीद और सहनशीलता को मंच पर लाता है। दर्शकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि आनंद और सुनंदा की कहानी अभी खत्म नहीं हुई — वे फिर लौटेंगे, एक नई कहानी के साथ।

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@anupamsandesh.com
Copyright© Anupam Sandesh
Powered by DiGital Companion