निजी अस्पताल में डिलीवरी के बाद महिला की मौत, परिजनों ने किया हंगामा, डॉक्टरों पर लगाए गंभीर आराेप

हमीरपुर शहर के पक्का भरो इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल में एक गर्भवती महिला की डिलीवरी के बाद मौत हो गई।
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2025-07-27 00:03:33

हमीरपुर: हमीरपुर शहर के पक्का भरो इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल में एक गर्भवती महिला की डिलीवरी के बाद मौत हो गई। मृतका की पहचान चमनेड़ गांव निवासी लता देवी के रूप में हुई है, जो करीब 9 महीने की गर्भवती थी। इस घटना के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए। वहीं, स्थिति तनावपूर्ण होते देख पुलिस और प्रशासन की टीम को मौके पर पहुंचना पड़ा। हल्की तकलीफ के बाद अस्पताल पहुंची थी लता लता देवी के पति ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब 8:45 बजे उनकी पत्नी को पेट में हल्का दर्द महसूस हुआ। चूंकि वह गर्भवती थीं और नियत तारीख भी नजदीक थी, इसलिए उन्होंने बिना देर किए उन्हें तुरंत पक्का भरो स्थित निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। उन्होंने यह भी बताया कि बीते चार महीनों से वे लगातार इसी अस्पताल में लता का नियमित चैकअप करवा रहे थे और पहले कभी किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आई थी। अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने चैकअप किया और बताया कि गर्भ में पल रहे शिशु की धड़कन धीमी हो रही है। डॉक्टरों ने ऑप्रेशन की सलाह दी, जिस पर परिजनों ने तुरंत सहमति जता दी। पति के अनुसार ऑप्रेशन की तैयारी के दौरान उन्हें कुछ दवाइयां और जरूरी सामान लाने के लिए अस्पताल से बाहर भेजा गया। ऑप्रेशन के बाद परिजनों को नहीं दी गई पूरी जानकारी परिजनों के अनुसार, ऑपरेशन करीब 45 मिनट तक चला। दोपहर करीब 12 बजे अस्पताल की एक नर्स नवजात को लेकर बाहर आई, लेकिन उसने यह स्पष्ट नहीं किया कि नवजात लड़का है या लड़की। इसके कुछ समय बाद डॉक्टर ऑप्रेशन थिएटर से बाहर आए और केवल यह बताया कि लता देवी की हालत गंभीर है। थोड़ी देर में उन्हें लता की मौत की सूचना दी गई। परिवार का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने मौत के कारणों को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी और शुरू से ही उन्हें भ्रमित करने की कोशिश की गई। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा पत्नी की मौत की खबर मिलते ही लता देवी के पति और अन्य परिजन बेहद आक्रोशित हो गए। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही और इलाज में गंभीर चूक के आरोप लगाए और अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एएसपी राजेश शर्मा, एसडीएम संजीत सिंह और थाना प्रभारी यादेश पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लिया। अधिकारियों ने परिजनों को शांत कराते हुए निष्पक्ष जांच और नियमानुसार कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

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