विकसित उत्तर प्रदेश के लिए डीएस कॉलेज में कार्यशाला आयोजित

समर्थ उत्तर प्रदेश/2047 अभियान के तहत 2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश विजन को साकार करने के लिए द्वितीय दिवस
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2025-09-09 19:43:47

अलीगढ़। समर्थ उत्तर प्रदेश/2047 अभियान के तहत 2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश विजन को साकार करने के लिए द्वितीय दिवस में धर्म समाज इंटर कॉलेज में ओरिएण्टेशन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त आईएएस प्रभात कुमार एवं सेवानिवृत्त आईएफएस उमा शंकर सिंह ने मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। पीडी डीआरडीए भाल चन्द त्रिपाठी, डीआईओएस पूरन सिंह ने पुष्प गुच्छ देकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। मुख्य अतिथि प्रभात कुमार ने पीपीटी के माध्यम से उत्तर प्रदेश की वर्तमान में भारत एवं वैश्विक स्तर पर स्थिति और प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित करने के लिए निर्धारित रोडमैप और एक्शन प्लान को बड़े ही सहज और सरल ढ़ंग से समझाया। उन्होंने विकसित उत्तर प्रदेश के लिए ’’अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति’’ पर बल देते हुए युवाओं से आव्हान किया कि भारत इस समय विश्व का सबसे युवा देश है ऐसे में यहां नवाचार की असीम संभावनाएं हैं। उमाशंकर सिंह ने बालिका शिक्षा को देश और प्रदेश के विकास की धुरी बताते हुए कहा कि जब बेटियां शिक्षित होती हैं तो पूरा समाज शिक्षित होता है। यदि हमारी शिक्षा ठीक है तो फिर हम बड़े से बड़ा लक्ष्य बड़ी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने छात्रशक्ति से आव्हान किया कि रिसर्च के क्षेत्र में आगे आएं और आउट ऑफ बाक्स सोचें। उन्होंने कहा कि बुकलेट में अवस्थित क्यूआर कोड के माध्यम से भी अपने सुझाव डिजिटली माध्यम से प्रस्तुत कर सकते हैं। कार्यशाला में डा0 संजीव कुमार सिंह ने शिक्षित बेरोजगारों के लिए ठोस कदम उठाए जाने, सुखवीर सिंह चौधरी ने कृषि क्षेत्र की असमानताएं दूर करते हुए दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने, डा0 विपिन कुमार वार्ष्णेय ने ओडीओपी के लिए स्कूली स्तर से ही छात्रांे को शिक्षित करने, राजीव कुमार अग्रवाल ने स्किल डवलपमेंट और नवाचार को बढ़ावा देने, गुल सनोवर खान ने स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य के लिए कक्षाएं संचालित करने, हर्षी गुप्ता ने पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देने और तकनीक आधारित शिक्षा पर बल दिया। छात्रा दीपिका सिंह ने छिपी प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए पारंपरिक शिक्षा के साथ ही मानसिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा पर फोकस करने, छात्र हर्षवर्धन ने स्वदेशी को अपनाकर आयात को कम करने और निर्यात को बढ़ावा देने, भूमिश्री ने एमएसएमई को बढ़ावा देने की बात कही।

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