2025-07-31 20:05:13
केंद्र सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर डिजाइन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ‘डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना’ के तहत 23 नई चिप-डिजाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। ये परियोजनाएं घरेलू कंपनियों, स्टार्टअप्स और MSMEs द्वारा संचालित की जा रही हैं और इन्हें निगरानी कैमरों, ऊर्जा मीटरों, माइक्रोप्रोसेसर IPs और नेटवर्किंग जैसे क्षेत्रों के लिए चिप समाधान विकसित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में दी। उन्होंने बताया कि DLI योजना, भारत सरकार की 76,000 करोड़ रुपए की ‘सेमिकॉन इंडिया कार्यक्रम’ का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग का एक पूर्ण इकोसिस्टम तैयार करना है। इस योजना के तहत चिप डिजाइन को समर्थन देने के लिए विशेष रूप से 1,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। सेमीकंडक्टर डिजाइन और व्यावसायीकरण में उच्च लागत और लंबी विकास प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए, DLI योजना डिजाइन इन्फ्रास्ट्रक्चर और वित्तीय प्रोत्साहनों का एक संयोजन प्रदान करती है। इसमें शुरुआती प्रोटोटाइपिंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन (EDA) टूल्स और IP कोर तक पहुंच, डिजाइन, स्केलिंग और उत्पादन के लिए धन सहायता शामिल है। इस योजना के तहत कंपनियों को परियोजना की लागत का 50% तक, अधिकतम 15 करोड़ रुपए प्रति आवेदन की प्रतिपूर्ति मिल सकती है। साथ ही, अगले पांच वर्षों तक नेट सेल्स टर्नओवर का 4 से 6% तक व्यावसायिक उपयोग के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जिसकी अधिकतम सीमा 30 करोड़ रुपए प्रति आवेदन है। गौरतलब है कि DLI योजना को दिसंबर 2021 में शुरू किया गया था। तब से लेकर अब तक इसमें 278 शैक्षणिक संस्थान और 72 स्टार्टअप्स ने भाग लिया है, जिन्हें अत्याधुनिक EDA टूल्स तक पहुंच मिली है। अब तक 17 संस्थानों से 20 चिप डिजाइन को सफलतापूर्वक मोहाली स्थित सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला (SCL) में फैब्रीकेट किया जा चुका है। इसके अलावा, 6 कंपनियों ने वैश्विक सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन केंद्रों में अपने प्रोटोटाइप का टेप-आउट पूरा कर लिया है और 10 स्टार्टअप्स ने व्यावसायिक स्केलिंग के लिए वेंचर कैपिटल फंडिंग भी जुटाई है। DLI योजना के तहत अब तक कुल ₹803.08 करोड़ की परियोजनाएं मंजूरी की जा चुकी हैं, जिसमें EDA टूल्स की लागत भी शामिल है। सरकार इस योजना को उद्योग विशेषज्ञों और भागीदार कंपनियों के परामर्श से लागू कर रही है और समय-समय पर फीडबैक के आधार पर इसमें बदलाव के लिए भी तैयार है, जिससे योजना को और अधिक प्रभावी और व्यावहारिक बनाया जा सके।