2025-07-31 20:00:32
भारत ने नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR) मिशन के सफल प्रक्षेपण के साथ अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि की सराहना गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में की गई। इस क्रम में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि यह मिशन भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा को दर्शाता है और इसे एक “विश्वसनीय और सक्षम अंतरिक्ष यात्री राष्ट्र” के रूप में स्थापित करता है। उन्होंने यह भी कहा कि “NISAR का सफल प्रक्षेपण मानवता की बेहतरी के लिए ज्ञान के क्षेत्र में हमारे वैज्ञानिक समुदाय की उल्लेखनीय प्रगति को रेखांकित करता है।” वहीं लोकसभा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) से GSLV-F16 के माध्यम से NISAR उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर नासा-इसरो टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा, दिनांक 30 जुलाई 2025 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र GSLV-F16 रॉकेट के माध्यम से नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR) सैटेलाइट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है। आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, ”यह अपनी तरह का पहला मिशन है जिसके माध्यम से इस उपग्रह को सूर्य समकालिक ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया गया है। हमें इस उपलब्धि पर अत्यंत गर्व है। यह सभा इस सफलता के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों की टीम को बधाई देती है और उनके द्वारा भविष्य में किए जाने वाले प्रयासों की सफलता की कामना करती है।” NISAR मिशन का महत्वयह मिशन भारत और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के बीच एक संयुक्त सहयोग है, जिसका उद्देश्य पृथ्वी की सतह की निगरानी, जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन, और पर्यावरणीय अध्ययन में योगदान देना है। NISAR की विशेषताएं: NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) एक उन्नत रडार इमेजिंग उपग्रह है, जो पृथ्वी की सतह के उच्च-रिज़ॉल्यूशन चित्र प्रदान करने में सक्षम है। यह उपग्रह: पृथ्वी की सतह में छोटे-छोटे बदलावों का पता लगाने में मदद करेगा। भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी करेगा। जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियरों की गतिशीलता पर डेटा प्रदान करेगा। कृषि, वन, और जल संसाधनों के प्रबंधन में सहायता करेगा। भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों को मिली मान्यता यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की तकनीकी क्षमता और वैश्विक सहयोग की भावना को प्रदर्शित करता है। NISAR मिशन चंद्रयान और मंगलयान जैसे पिछले सफल मिशनों की कड़ी में एक और मील का पत्थर है। वैश्विक सहयोग का प्रतीक NISAR मिशन भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष अनुसंधान में मजबूत साझेदारी का प्रतीक है। इसरो और नासा ने इस परियोजना पर कई वर्षों तक संयुक्त रूप से काम किया है, जिसमें इसरो ने उपग्रह के कई महत्वपूर्ण हिस्सों का निर्माण किया, जबकि नासा ने रडार सिस्टम और अन्य तकनीकी सहायता प्रदान की। आगे की राह NISAR का सफल प्रक्षेपण भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को और मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण डेटा उपलब्ध कराएगा। यह मिशन पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबंधन और वैज्ञानिक अनुसंधान में भारत के योगदान को और बढ़ाएगा।