2025-05-26 17:26:23
समस्तीपुर । समस्तीपुर के पाहेपुर के रहने वाले रामजी राज ने एक कमाल का काम किया है। उन्होंने अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा की वेबसाइट में एक गलती ढूंढ निकाली। यह काम उन्होंने समस्तीपुर में बैठे-बैठे ही किया। रामजी ने नासा को इस बारे में बताया। नासा ने उनकी बात मानी और वेबसाइट को ठीक किया। अब रामजी की चर्चा सिर्फ देश में ही नहीं, विदेशों में भी हो रही है। 17 साल की छोटी सी उम्र में रामजी ने यह कमाल कर दिखाया है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि काबिलियत उम्र की मोहताज नहीं होती। रामजी आज नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन गए हैं। रात 2 बजे शुरू किया मिशन, नासा की वेबसाइट में मिली खामी रामजी राज के पिता का नाम रिंकेश कुमार है। उन्हें अपने बेटे की कामयाबी पर गर्व है। रामजी ने बताया कि 14 मई की रात करीब 2 बजे उन्होंने वेबसाइटों की सुरक्षा जांच शुरू की थी। इस दौरान उन्होंने 50 से अधिक वेबसाइट्स को स्कैन किया। जब नासा की साइट में उन्होंने तकनीकी खामी पहचानी। उन्होंने नासा की वेबसाइट हैक की और बिना देर किए इसे सीधे नासा को इसकी रिपोर्ट मेल कर दी। 19 मई को नासा ने उनकी रिपोर्ट को औपचारिक रूप से स्वीकार करते हुए वेबसाइट में सुधारात्मक कदम उठाए और रामजी को हॉल ऑफ फेम में शामिल किया। ‘व्हाइट हैकर’ बनकर समाज की सुरक्षा में योगदान रामजी खुद को व्हाइट हैकर मानते हैं और कहते हैं कि वे हैकिंग का उपयोग समाज की भलाई के लिए करते हैं। उनका उद्देश्य वेबसाइटों की खामियों को खोजकर उन्हें सुरक्षित बनाना है, ताकि साइबर अपराधियों से डेटा और जानकारी की रक्षा की जा सके। बचपन से गेमिंग के शौकीन रामजी ने इंटरनेट के जरिए कोडिंग सीखी और अपने स्कूल की पेमेंट वेबसाइट में भी तकनीकी खामी खोजकर उसे दुरुस्त कराया था। कृषि क्षेत्र में भी कर रहे नवाचार, शुरू किया AI आधारित स्टार्टअप हैकिंग के अलावा रामजी ने हाल ही में कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से एक स्टार्टअप की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य किसानों को स्मार्ट समाधान देना और तकनीक को कृषि से जोड़ना है। उनका मानना है कि AI भारत के तकनीकी भविष्य की कुंजी है और इसका उपयोग ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने में होना चाहिए। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम रामजी का सपना है कि भारत साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बने। वे न केवल तकनीकी खामियों की पहचान कर रहे हैं, बल्कि देशभर में छात्रों और पुलिस अधिकारियों को साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने गुजरात पुलिस को भी इस क्षेत्र में प्रशिक्षित किया है। सरकारी मान्यता और प्रेरणादायक सफर उनकी उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने रामजी के जीवन पर एक डॉक्यूमेंट्री भी तैयार की है। आज वे युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं। उनका उदाहरण यह साबित करता है कि यदि भारत की युवा प्रतिभा को सही दिशा और समर्थन मिले, तो वह विश्वस्तर पर किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है। समस्तीपुर डी.एम. ने किया सम्मानित रामजी राज को डीएम रोशन कुशवाहा ने उनके कार्य के लिए सम्मानित किया। हाल ही में रामजी राज का नाम नासा की ‘हॉल ऑफ फेम’ सूची में शामिल किया गया, जहां उन्हें दुनिया के शीर्ष 100 एथिकल हैकरों में गिना गया। इस दौरान डीएम श्री कुशवाहा ने रामजी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि समस्तीपुर जैसे जिले से निकल कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना गर्व की बात है। उन्होंने ‘मन्नीय प्रधानमंत्री विकासित भारत 2047’ मिशन पर भी चर्चा की, जिसमें राम जी राज ने स्थानीय स्तर पर तकनीक के माध्यम से योगदान देने की इच्छा जताई। रामजी राज ने बताया कि वे तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए गांवों को स्मार्ट बनाने, बच्चों को साइबर सुरक्षा सिखाने और सरकार की डिजिटल योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुँचाने के लिए कार्य कर रहे हैं। स्थानीय लोगों में खुशी उनकी इस सफलता पर इलाके में खुशी की लहर है. पड़ोसियों और दोस्तों ने उन्हें बधाई दी है. रामजी का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वे बताते हैं, लोग बहुत खुश हैं. वे बीते 2-3 साल से लगातार अभ्यास कर रहे थे और इस बार उनकी मेहनत रंग लाई. रामजी केवल हैकिंग तक सीमित नहीं हैं. वे स्थानीय पुलिस विभाग को भी समय-समय पर साइबर धोखाधड़ी से बचाव पर प्रशिक्षण देते हैं. उनका उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग साइबर जागरूक बनें और डिजिटल युग में खुद को सुरक्षित रखें. कम उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि ने रामजी को समस्तीपुर का गौरव बना दिया है. उनके जैसे युवाओं की प्रतिभा और मेहनत देश को साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में और मजबूत बनाएगी.