बाइक टैक्सी सेवा फिर शुरू कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सरकार को कहा कोई अनुमति की जरूरत नहीं

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि उसने ‘राइड-हेलिंग कंपनियों को बाइक टैक्सी सेवाएं फिर से शुरू करने की अनुमति देने संबंधी कोई आदेश नहीं दिया है
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2025-08-23 20:14:17

नेशनल डेस्क: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि उसने ‘राइड-हेलिंग कंपनियों को बाइक टैक्सी सेवाएं फिर से शुरू करने की अनुमति देने संबंधी कोई आदेश नहीं दिया है। अदालत का यह स्पष्टीकरण तब आया जब एक दिन पहले ही शहर की सड़कों पर बाइक टैक्सी सेवाएं फिर से शुरू होती देखी गईं। मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार कानून के अनुसार बाइक टैक्सी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन प्रवर्तन प्राधिकारियों को व्यक्तिगत वाहन मालिकों को निशाना बनाने से बचना चाहिए। बीस अगस्त को सुनवाई के दौरान पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 22 सितंबर निर्धारित की थी और सरकार को यह निर्णय लेने का समय दे दिया था कि क्या वह बाइक टैक्सी पर कोई नीति बनाना चाहती है। महाधिवक्ता शशिकिरण शेट्टी ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि कई संचालकों ने सेवाएं पुनः शुरू कर दी हैं, जबकि उन्हें ऐसा करने की अनुमति देने वाला कोई न्यायिक आदेश नहीं था। बाइक टैक्सी सवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि प्रवर्तन अधिकारी व्यक्तिगत मालिकों की मोटरसाइकिल जब्त कर रहे हैं। पीठ ने स्पष्ट किया कि उसकी प्रारंभिक चिंता सवारियों और मालिकों को अनावश्यक परेशानी से बचाने तक सीमित थी और उसने सरकार से उनके खिलाफ ‘‘जल्दबाजी में कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा। मुख्य न्यायाधीश बाखरू ने महाधिवक्ता से कहा, ‘‘व्यक्तिगत मालिकों को परेशान न करें। महाधिवक्ता ने अदालत को आश्वासन दिया कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। अदालत ने स्पष्ट किया कि उसने इस मामले में कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया है और अपील को अंतिम निपटारे के लिए सूचीबद्ध किया गया है। खंडपीठ के समक्ष याचिकाएं उबर इंडिया सिस्टम्स, एएनआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (ओला), रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (रैपिडो) और अन्य द्वारा दायर की गई थीं।

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