2025-04-07 23:13:25
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में आयोजित 150वीं इंटर-पार्लियामेंट्री यूनियन (IPU) असेंबली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर देने की भावना पर आधारित है। “सामाजिक विकास और न्याय के लिए संसदीय कार्रवाई” विषय पर उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान वंचित और पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ते हुए समावेशी और कल्याणकारी समाज की दिशा में कार्य करता है। ओम बिरला ने बताया कि भारतीय संसद ने हाल के वर्षों में कई ऐसे कानून पारित किए हैं जो सामाजिक न्याय और सुरक्षा को मजबूत करते हैं। इनमें दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016, ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019, और महिला आरक्षण कानून 2023 (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) शामिल हैं। साथ ही, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की सुरक्षा के लिए नए श्रम कानून भी लागू किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय दंड संहिता की जगह लाई गई भारतीय न्याय संहिता ने देश की न्याय प्रणाली को और अधिक न्यायोचित बनाया है। ओम बिरला ने संसदीय समितियों को बताया महत्वपूर्ण बिरला ने संसदीय समितियों की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया और उन्हें “मिनी संसद” कहा जो सरकार और संसद के कामों को सहयोग देने के साथ-साथ सामाजिक कल्याण योजनाओं की निगरानी करती हैं। उन्होंने सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण, श्रम और कौशल विकास जैसी समितियों का विशेष रूप से उल्लेख किया जो कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावी क्रियान्वयन में सहायक हैं। भारत के विकास पर ओम बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जो देश की सबसे गरीब 40% आबादी को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था ने पिछले 10 वर्षों में 105% की वृद्धि दर्ज की है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत फिलहाल विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचने की संभावना है। उन्होंने भारत की नवाचार, स्टार्टअप, अंतरिक्ष, रक्षा, आईटी और फार्मा जैसे क्षेत्रों में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका का भी उल्लेख किया। सम्मेलन के दौरान ओम बिरला ने वियतनाम की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष ट्रान थान मान से भी मुलाकात की। उन्होंने भारत और वियतनाम के बीच 50 वर्षों के कूटनीतिक संबंधों की याद दिलाई और दोनों देशों के बीच रक्षा, तकनीक, बुनियादी ढांचा और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। ओम बिरला ने “डिजिटल संसद” पहल का उल्लेख करते हुए बताया कि इससे भारत की संसदीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, दक्षता और उत्पादकता बढ़ी है। उन्होंने यह भी बताया कि बड़ी संख्या में वियतनामी छात्र भारत में शिक्षा और प्रशिक्षण का लाभ ले रहे हैं। ट्रान थान मान ने राम नवमी की शुभकामनाएं दीं और भारत-वियतनाम के बीच संसदीय सहयोग को और मजबूत करने की इच्छा जताई। उन्होंने ओम बिरला को वियतनाम दौरे का न्योता भी दिया। इस दौरान दोनों देशों के बीच एक संसदीय मैत्री समूह बनाने पर भी चर्चा हुई। ओम बिरला ने अपने संबोधन में कहा कि IPU जैसे मंच वैश्विक संसदीय सहयोग को मजबूत करते हैं और इसकी 150वीं असेंबली का विषय “वसुधैव कुटुंबकम्”-यानी पूरी दुनिया एक परिवार है-भारत की पारंपरिक सोच से पूरी तरह मेल खाता है।