शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष स्टेशन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर हर भारतीय को गौरवान्वित किया पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धि की सराहना की और भविष्य में इस क्षेत्र में बढ़ते स्कोप के बारे में बताया।
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2025-08-23 18:01:00

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धि की सराहना की और भविष्य में इस क्षेत्र में बढ़ते स्कोप के बारे में बताया। उन्होंने आज एक वीडियो सन्देश जारी किया। जारी संदेश में भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “अभी तीन दिन पहले ही मेरी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से मुलाकात हुई। उन्होंने इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर तिरंगा फहराकर हर भारतीय को गर्व से भर दिया। जब वो तिरंगा मुझे दिखा रहे थे, उस पल को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। पीएम मोदी ने कहा कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से हुई चर्चा से मैंने नए भारत के युवाओं के असीम हौसले और अनंत सपनों को देखा है। इन सपनों को आगे बढ़ाने के लिए हम भारत का ‘एस्ट्रोनॉट पुल’ तैयार करने जा रहे हैं। आज नेशनल स्पेस डे के मौके पर मैं भारत के युवाओं से देश के सपनों को उड़ान देने के लिए ‘एस्ट्रोनॉट पुल’ से जुड़ने के लिए आमंत्रित करता हूं। इसके साथ ही पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भी इस दिवस की बधाई देते हुए लिखा, “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! अंतरिक्ष में भारत की यात्रा हमारे दृढ़ संकल्प, नवाचार और सीमाओं को आगे बढ़ाने वाले हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा को दर्शाती है।” वहीं, अपने वीडियो सन्देश में पीएम मोदी ने स्पेस सेक्टर में भारत की उभरती ताकत के बारे में बताया, और उन्होंने कहा, “अभी भारत ने इंटरनेशनल ओलंपियाड ऑफ एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स (आईओएए) की मेजबानी भी की। इस प्रतियोगिता में दुनिया के 60 से अधिक देशों से करीब 300 युवाओं ने हिस्सा लिया। इसमें भारत के युवाओं ने मेडल भी जीते, जो ओलंपियाड स्पेस सेक्टर में भारत की उभरती लीडरशिप का प्रतीक है। पीएम मोदी ने कहा, “मुझे खुशी है कि युवा साथियों में स्पेस के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए इसरो द्वारा ‘भारतीय अंतरिक्ष हैकथॉन और रोबोटिक्स चैलेंज’ जैसी पहल भी की है। मैं इन प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों और विजेताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।” उन्होंने कहा कि स्पेस सेक्टर में एक के बाद एक माइलस्टोन बनाना भारत और भारत के वैज्ञानिकों का स्वभाव बन गया है। दो साल पहले भारत पहला ऐसा देश बना, जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचने का इतिहास रचा। हम स्पेस में डॉकिंग और अनडॉकिंग की क्षमता रखने वाले दुनिया के चौथे देश भी बन गए।

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