2025-08-30 17:48:35
तकनीक ने कहानी कहने के तरीकों को हमेशा नया रूप दिया है। कभी कहानियां और गीत सिर्फ़ मुंहज़बानी पीढ़ी दर पीढ़ी चलते थे, फिर आया रेडियो, टेलीविज़न और सिनेमा जिसने इसे और भव्य तो बनाया, लेकिन साथ ही महंगा और समय लेने वाला भी। आज भी एक छोटे वीडियो को तैयार करने में एडिटर्स और क्रिएटर्स को कई दिन, कभी-कभी हफ़्तों लग जाते हैं। इसी चुनौती का हल लेकर सामने आया है भारतीय स्टार्टअप ‘कोयल एआई (Koyal AI)’ — जो आवाज़ को पलों में वीडियो में बदल देता है। बहन-भाई की जोड़ी का सपना दिल्ली के गौरी और मेहुल, बहन-भाई की जोड़ी ने मिलकर इस अनोखे प्लेटफ़ॉर्म की शुरुआत की। नाम रखा गया ‘कोयल’—वही पक्षी, जो अपनी मधुर आवाज़ के लिए जानी जाती है। फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार कोयल की जादुई ताक़त है आवाज़ से वीडियो बनाने की क्षमता। यूज़र सिर्फ़ अपनी आवाज़ में गीत, पॉडकास्ट या छोटा-सा वॉइस नोट रिकॉर्ड करें और ‘कोयल’ उसे मिनटों में वीडियो में बदल देता है। इसमें किरदार, उनकी मूवमेंट, लिप-सिंक और एनीमेशन—सब कुछ प्रोफ़ेशनल क्वॉलिटी में तैयार हो जाता है। क्यों बनाई ‘कोयल’? छोटे म्यूज़ीशियन, शिक्षक, यूट्यूबर, पॉडकास्टर और बिज़नेस ओनर्स सभी एक बड़ी परेशानी से जूझ रहे थे, जिसके निम्नलिखित कारण हैं- वीडियो बनाना महंगा है समय बहुत लगता है अच्छे आइडिया अक्सर अधूरे रह जाते हैं दो साल की मेहनत और नवाचार गौरी और मेहुल ने ठाना कि सिर्फ़ आवाज़ पर अटकी कहानियों को उड़ान दी जाए। दो साल तक रिसर्च और प्रयोग के बाद टीम ने तकनीकी चुनौतियों पर विजय पाई। किरदार अब स्वाभाविक दिखते हैं। एक ही सीन में कई लोग बातचीत कर सकते हैं। चलते-फिरते कैरेक्टर्स का लिप-सिंक सटीक रहता है। आज ‘कोयल’ न सिर्फ़ छोटे सोशल मीडिया क्लिप्स बल्कि लंबी वेब सीरीज़ जैसी कहानियां भी तैयार करने में सक्षम है। भारत के लिए अनोखा क्यों? हालांकि दुनिया में एआई वीडियो टूल्स मौजूद हैं, लेकिन ऑडियो-टू-वीडियो स्टोरीटेलिंग के क्षेत्र में भारत में इस स्तर का प्लेटफ़ॉर्म पहली बार आया है। ‘कोयल’ की सबसे बड़ी ताक़त स्पीड – काम मिनटों में क्वॉलिटी – प्रोफ़ेशनल वीडियो जैसी किफ़ायत – हर क्रिएटर की पहुंच में भविष्य की उड़ान है कोयल वर्तमान में ‘कोयल’ संगीत कंपनियों, पॉडकास्ट क्रिएटर्स और ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म्स के साथ प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है। शिक्षा और मनोरंजन दोनों क्षेत्रों में यह प्लेटफ़ॉर्म आवाज़ और नज़र के बीच का पुल बन रहा है। हर उस इंसान के लिए जिसके पास एक आवाज़ है, ‘कोयल’ उसे वीडियो में बदलकर कहानी कहने की ताक़त देता है—तेज़, आसान और सबकी पहुंच में।