2025-09-14 19:44:48
मेहगांव,,,,, न्यायलय अपर जिला सत्र न्यायधीश न्यायलय मे आरोपी जितेंद्र सिह उर्फ फोसू पुत्र उदय सिह नरवरिया, जलदेवी पत्नी उदय सिह निवासी गण ग्राम हसंनपुरा थाना गोरमी को सद सद बर्ष का सश्रम कारावास एंव सात सात हजार रुपये से अर्थदंडित किया गया, अपर अभियोजक देवेश शुक्ला ने बताया कि दिंनाक 3/6/2022 को जेएच ग्वालियर से मेडीसन विभाग के डाक्टर चुन्नी भूटिया व्दारा थाना कंपू को इस आसय की सूचना दी गई कि म्रतिका लाली पत्नी जितेंद्र निवासी गोरमी व्दारा सेल्फास की गोली खा लेने से उसकी दिंनाक 3/6/2022 को आईसीयू मे इलाज के दौरान मौत हो गई, उक्त सूचना पर से थाना कंपू व्दारा मर्ग कायम कर अपराध क्र 362/2022 अंतर्गत धारा 174/ दoप्रoसo पंजीब्ध कर म्रतिका लाली के शव परीक्षण संबधी कार्यवाही की गई, घटना स्थल थाना गोरमी से संबधित होने से उक्त मर्ग जांच हेतु थाना गोरमी को प्रेषित किये जाने पर म्रतिका के पिता सुल्तान सिह माँ रामश्री के कथन अनुसार जांच उपरांत मामला कामय किया गया, म्रतिका का विवाह 24/5/2021 को उदयसिह के पुत्र जितेंद्र सिह के साथ हुआ म्रतिका की माँ ने बताया पति जितेंद्र व सास लजदेवी दिये गये दहेज से संतुष्ट नहीं थे, उन्होंने अतिरिक्त दहेज के रुप मे 2 लाख रुपये नगद व मोटर साईकिल की माइका पक्ष से मां की जा रही थी, दहेज़ की उक्त मांग पूरी न करने के कारण म्रतिका के पति एंव सास व्दारा लगातार की जा रही प्रताडना के परिणाम स्वरुप म्रतिका की म्रत्यु विवाह के सात बर्ष के अंदर सामान्य परिस्थिति यो से अन्यथा हुई हे, शव परीक्षण रिपोर्ट मे म्रत्यु का कारण चहरे व शरीर पर म्रत पूर्व की चोटे होना पाई गई हे, मर्ग जांच के उपरांत म्रतिका के पति एंव सास का उक्त क्रत्य प्रथम द्ररष्ट्या धारा 304बी 498ए 323/34धारा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत पाये जाने से थाना गोरमी व्दारा आरोपी गण के विरुद्ध अपराध क्र 224/2022 पंजीबध किया जाकर अनुषंधान मे लिया गया, संपूर्ण अनुषंधान पश्चात अभियुक्त गण के विरुद्ध अभियुक्त पत्र न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, माननीय न्यायलय के समक्ष अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक देवेश शुक्ला व्दारा की गई, अभियोजन की तर्को से सहमत होकर माननीय न्यायालय व्दारा विचरण पश्चात जितेंद्र सिह उर्फ फोसू जलदेवी नरवरिया को धारा 304/ खा 306/ भाoदoसंo धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम मे दौषी मानते हुऐ दस दस बर्ष का सश्रम कारावास सात सात हजार रुपये के अर्थदड से दंडित किया गया,