वित्त वर्ष 2027 तक भारत की छत सौर ऊर्जा क्षमता 2530 गीगावाट तक पहुंच जाएगी रिपोर्ट

वित्त वर्ष 2025 और 2027 के बीच भारत की छत पर सौर ऊर्जा क्षमता 17 गीगावाट से बढ़कर अनुमानित 25-30 गीगावाट हो जाने का अनुमान है
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2025-04-15 18:29:10

वित्त वर्ष 2025 और 2027 के बीच भारत की छत पर सौर ऊर्जा क्षमता 17 गीगावाट से बढ़कर अनुमानित 25-30 गीगावाट हो जाने का अनुमान है। यह विस्तार भारत के व्यापक ऊर्जा परिवर्तन लक्ष्यों से प्रेरित है, जिसमें सौर ऊर्जा देश के स्वच्छ ऊर्जा रोडमैप में एक केंद्रीय स्तंभ के रूप में उभर रही है। आज मंगलवार को केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयीं है। इसके अनुसार, वित्त वर्ष 2025 तक कुल नवीकरणीय क्षमता 220 गीगावाट और 2030 तक 300 गीगावाट सौर क्षमता के राष्ट्रीय लक्ष्य के साथ, छत पर सौर ऊर्जा, विशेष रूप से वाणिज्यिक और औद्योगिक (सीएंडआई) खंड में, इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2025 तक, भारत की छत पर सौर ऊर्जा क्षमता 17.02 गीगावाट थी और परिचालन लागत को कम करने और स्थिरता लक्ष्यों को पूरा करने के बारे में व्यवसायों के बीच बढ़ती जागरूकता इसे अपनाने को बढ़ावा दे रही है। सरकारी प्रोत्साहन, प्रौद्योगिकी लागत में कमी, तथा नेट मीटरिंग और पीएलआई योजनाओं जैसे नीतिगत समर्थन से तैनाती में और तेजी आने की उम्मीद है। दरअसल, 13 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह परिवर्तनकारी योजना भारत के ऊर्जा परिदृश्य को तेजी से नया आकार दे रही है। इसका उद्देश्य 78,000 रुपए तक की सब्सिडी के साथ 1 करोड़ घरों में छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करना है, आवासीय अपनाने को मजबूत समर्थन प्रदान करने की उम्मीद है। यह योजना न केवल निम्न और मध्यम आय वाले परिवारों को उनके बिजली बिलों को कम करके सहायता करती है, बल्कि सौर मूल्य श्रृंखला को बढ़ावा देते हुए लगभग 17 लाख नौकरियां पैदा करने का भी लक्ष्य रखती है। आपको बता दें, ‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (पीएमएसजीएमबीवाई)’ ने 10 मार्च 2025 तक कुल 10 लाख घरों को सौर ऊर्जा से संचालित करने के साथ एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यही नहीं, इस योजना ने कई राज्यों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उल्लेखनीय रूप से, चंडीगढ़ और दमन एवं दीव ने अपने सरकारी भवनों की छत पर सौर प्रणाली स्थापित करने के लक्ष्यों को शत-प्रतिशत हासिल कर लिया है और स्वच्छ ऊर्जा अपनाने के मामले में देश में सबसे आगे हैं। राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्य भी असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना से संबंधित समग्र आंकड़ों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। सरकार 2026-27 तक एक करोड़ घरों तक पहुंचने के लक्ष्य के साथ इस योजना के सुचारू व समयबद्ध क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने हेतु सभी राज्यों में प्रगति की सक्रिय रूप से निगरानी कर रही है। कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 27 का अनुमान भारत के सौर उद्योग के लिए एक परिवर्तनकारी चरण को रेखांकित करता है, जो दशक के अंत तक निरंतर विस्तार की नींव रखता है। केयरएज एडवाइजरी एंड रिसर्च की निदेशक तन्वी शाह ने कहा, “भारत में रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन ने गति पकड़ी है। बढ़ती सीएंडआई मांग और बेहतर होते नीतिगत पारिस्थितिकी तंत्र के साथ, हमें उम्मीद है कि अगले दो वर्षों में बाजार लगभग 25-30 गीगावाट तक पहुंच जाएगा।”

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